रांची: रिम्स परिसर स्थित हनुमान मंदिर के पास एक व्यक्ति (खुद को नरेश भुईया कहनेवाला) अर्धनग्न हालत में करीब 30 घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन सड़क से गुजरनेवाले लोग उसे अस्पताल तक पहुंचाने की हिम्मत नहीं दिखा सके, जबकि वहां से रिम्स इमरजेंसी महज 100 कदम दूर था.
जानकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर किसी ने उसे सड़क पर ला कर रख दिया था. रात भर खुले आसमान के नीचे सड़क पर पड़ा वह व्यक्ति दर्द से कराहता रहा, लेकिन आने-जाने वाले लोगों को दिल उसे देख नहीं पसीजा. उसके दायें हाथ में पट्टी बंधी हुई थी. 30 घंटे बीत जाने के बाद रविवार की दोपहर किसी व्यक्ति को उस पर दया आ गयी और उसने रिम्स इमरजेंसी तक उसे पहुंचा दिया.
दो घंटे बाद शुरू हुआ इलाज
ट्रॉली में सड़क से लाद कर रिम्स के इमरजेंसी रूम में पहुंचने के बाद भी उस व्यक्ति की परेशानी खत्म नहीं हुई. वह इस रूम में ट्राॅली पर ही करीब दो घंटे तक पड़ा रहा, लेकिन कोई भी डॉक्टर उसे देखने तक नहीं आया. दरअसल लावारिस होने के कारण उसके इलाज में देरी की जा रही थी. अंत में कई लोगों ने डॉक्टर से आग्रह किया, तब कोई जूनियर डॉक्टर उसे देखने पहुंचा. इसके बाद भी यह तय नहीं हो पा रहा था कि मरीज को किस विभाग के डॉक्टर की देखरेख में रखा जाये. अंत में सर्जरी, हड्डी एवं न्यूरो सर्जरी के चिकित्सकों ने मरीज को देखा.
सड़क पर उस व्यक्ति को पड़ा देख कर गार्ड ने उसे अस्पताल में भरती कराया. उसका इलाज समय पर शुरू हो गया था. उस व्यक्ति की पीठ व हाथ जला हुआ है. उसका इलाज किया जा रहा है. वह मानसिक रूप से भी बीमार है.
डॉ एसके चौधरी, अधीक्षक, रिम्स