अब शिक्षा विभाग ने सभी जिलाें के उपायुक्तों को अपने स्तर से काउंसलिंग की तिथि निर्धारित करने के लिए कहा है़ विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थी का मूल प्रमाण पत्र जमा लिया जाये. इससे पूर्व तक काउंसिलंग में शामिल होने पर अभ्यर्थी का मूल प्रमाणपत्र देख कर वापस कर दिया जाता था. मूल प्रमाण पत्र जमा लेने की स्थिति में अभ्यर्थी एक से अधिक जिला में चयनित होने पर भी सभी जिले में होनेवाली काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पायेंगे.
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शिक्षक नियुक्ति़: अब जमा होगा मूल प्रमाणपत्र
रांची: शिक्षक नियुक्ति में सभी जिलों में एक साथ काउंसलिंग की योजना फेल हो गयी है. शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया की तिथि दो बार बढ़ाये जाने के बावजूद जिलों में एक साथ मेधा सूची जारी नहीं हो सकी. कक्षा छह से आठ में शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों में 14 […]
रांची: शिक्षक नियुक्ति में सभी जिलों में एक साथ काउंसलिंग की योजना फेल हो गयी है. शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया की तिथि दो बार बढ़ाये जाने के बावजूद जिलों में एक साथ मेधा सूची जारी नहीं हो सकी. कक्षा छह से आठ में शिक्षक नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा सभी जिलों में 14 सितंबर को फर्स्ट काउंसलिंग की तिथि निर्धारित की गयी थी. 12 सितंबर तक लगभग 15 जिलों में मेधा सूची जारी नहीं की गयी थी़.
इससे अभ्यर्थी एक से अधिक जिलों में चयनित नहीं हो सकेंगे. कक्षा छह से अाठ में लगभग 43 हजार अभ्यथी शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हुए हैं. एक अभ्यर्थी ने अधिकतम 13 व कम से कम तीनों जिलों से आवेदन जमा किया है. अधिकांश जिलों में आवदेन जमा करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या दस हजार से अधिक है. ऐसे में मेरिट में अव्वल रहनेवाले अभयर्थी का एक से अधिक जिला में चयनित होना तय है. ऐसे में एक जिला में योगदान देने के बाद अन्य जिलों में सीट रिक्त रह जाती हैं. इस कारण काउंसलिंग के समय अभ्यर्थियों का मूल प्रमाण पत्र जमा लेने का निर्णय लिया गया है. इससे चयनित होने के बाद वे सभी जिलों की काउंसलिंग में शामिल नहीं हो पायेंगे.
क्यों लिया गया निर्णय
राज्य में प्रथम चरण की शिक्षक नियुक्ति में 13000 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये थे. 22 हजार टेट पास अभ्यर्थियों ने 1.72 लाख आवेदन जमा किये. सभी जिलों में अलग-अलग तिथि में काउंसलिंग की गयी. एक अम्यर्थी एक से अधिक जिला में काउंसलिंग में शामिल हुए. उनका चयन भी एक से अधिक जिले में हुआ. इस कारण मात्र 4500 शिक्षकों की नियुक्ति हो सकी. विभाग ने इससे बचने के लिए अभ्यर्थियों का मूल प्रमाण पत्र जमा लेने का निर्देश दिया है.
बढ़ेगी अभ्यर्थियों की परेशानी
सभी जिलाें में एक साथ मेरिट लिस्ट जारी हाेने की स्थिति में अभ्यर्थी को अपने मनपसंद जिला में नियुक्ति का मौका मिलता. अब एक साथ मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने की स्थिति में अभ्यर्थी जिस जिला में पहले मेरिट लिस्ट जारी होगा उसकी काउंसलिंग में शामिल होने को प्राथमकिता देंगे, क्योंकि अभ्यर्थी को इस बात की जानकारी नहीं रहेगी की बाकी जिला में उनका चयन होगा या नहीं. ऐसे में अभ्यर्थी को मनपसंद जिला मिलना मुश्किल होगा.
अपडेट नहीं है जिलों की वेबसाइट
शिक्षक नियुक्ति को लेकर जिलों की वेबसाइट अपडेट नहीं की जाती़ किसी जिले की वेबसाइट पर नियुक्ति से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी जाती़ शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित सभी जानकारी ऑनलाइन देने की बात कही गयी है, पर किसी जिला की वेबसाइट पर इसकी सूचना नहीं है कि जिला में कब मेधा सूची जारी की जायेगी. राज्य में प्रथम चरण की शिक्षक नयुक्ति इस वर्ष फरवरी में पूरी हो गयी थी. कई जिलों के बेवसाइट पर अब भी प्रथम चरण की नियुक्ति की मेधा सूची उपलब्ध है. इससे अभ्यर्थियाें को परेशाानी हो रही है. तय तिथि के अनुरूप नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण एक अभ्यर्थी को जिला की वेबसाइट बार-बार देखनी पड़ती है. ग्रामीण क्षेत्र में लिस्ट चेक करने के लिए साइबर कैफे में 50 से 100 रुपये तक लिये जाते है.
सभी जिलों में एक साथ काउंसलिंग का निर्देश दिया गया था, पर एक साथ मेरिट लिस्ट जारी नहीं होने के कारण उपायुक्त को अपने स्तर से काउंसलिंग की तिथि निर्धािरित करने को कहा गया है. काउंसलिंग के समय अभ्यर्थियों का मूल प्रमाणपत्र जमा ले लिया जायेगा, जिससे एक से अधिक जिलों में उनका चयन नहीं हो सके.
आराधना पटनायक, शिक्षा सचिव
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