राज्यपाल से मिल कर झाविमो नेताओं ने कहा कि दोनों ही मामले में बड़े अधिकारियों की संलिप्तता है. दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इंतेजार अली को साजिश के तहत फंसाने की कोशिश की गयी है. इस घटना के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हो. इस मामले में साक्ष्य मिटाने की कोशिश होगी. यदि ऐसा हुआ, तो इंतेजार की बेगुनाही साबित करना मुश्किल हो जायेगा.
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मांग: इंतेजार मामले में राज्यपाल से मिले झाविमो नेता, कहा एसआइटी जांच करायें दोषियों पर कार्रवाई हो
रांची : किता स्टेशन पर विस्फोटक लाने के आरोप में गिरफ्तार इंतेजार आली और राज्य के 514 नौजवानों को फरजी नक्सली बता कर सरेंडर कराने के मामले में झाविमो ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने की मांग की है. गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक […]
रांची : किता स्टेशन पर विस्फोटक लाने के आरोप में गिरफ्तार इंतेजार आली और राज्य के 514 नौजवानों को फरजी नक्सली बता कर सरेंडर कराने के मामले में झाविमो ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने की मांग की है. गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विधायक दल के नेता प्रदीप यादव के नेतृत्व में झाविमो नेताओं का एक दल राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिला.
पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हाल के दिनों में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है. सरकार और प्रशासन इन घटनाओं को नियंत्रित करने में असफल है. कुछ प्रशासनिक अधिकारी जान की बाजी लगाकर कर्तव्यों का पालन करते हैं, लेकिन कुछ अधिकारी वाहवाही लूटने के लिए पद का दुरुपयोग करते हैं. अविश्वसनीय मुखबिरों के माध्यम से साजिश रचते हैं. झाविमो नेताओं का कहना था कि इंतेजार अली की झूठे आरोप में गिरफ्तारी हुई है. इंतेजार अली की अविलंब रिहाई होनी चाहिए. इसके परिवार को सरकार 25 लाख का मुआवजा दे. झाविमो नेताओं ने कहा कि राज्य के नौजवानों को नौकरी का लालच देकर रांची के दिग्दर्शन स्वयंसेवी संस्थान ने पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से फरजी नक्सली बना दिया. इन युवकों से एक लाख से तीन लाख तक रिश्वत लिये गये. इन युवकों को न्याय मिलना चाहिए.
सीएस और डीजीपी से मिले प्रदीप यादव
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने इंतेजार अली के मामले को लेकर मुख्य सचिव राजीव गौबा और डीजीपी डीके पांडेय से मुलाकात की. श्री यादव ने अधिकारियों से मिल कर कहा कि मामले का जल्द से जल्द पटाक्षेप होना चाहिए. एक निर्दोष को न्याय मिलना चाहिए. इस मामले में गलत सूचना देनेवाले मुखबिर को पुलिस सामने लाये. इस मामले में देरी हुई, तो साक्ष्य मिटाने का प्रयास हो सकता है. पुलिस एक बेगुनाह को न्याय दे कर अपना दाग धो सकती है.
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