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आरोपी को पकड़ कर छोड़ दिया
व्यवसायी पर 10 लाख की धोखाधड़ी का लगा था आरोप सिटी डीएसपी ने दिया था गिरफ्तारी का अादेश रांची : लोअर बाजार पुलिस ने 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में व्यवसायी निर्मल कुमार जायसवाल और उनकी पत्नी अनुपमा देवी को पकड़ लिया़ दोनों को सर्कुलर रोड स्थित जगन्नाथ अपार्टमेंट से सात जुलाई को […]
व्यवसायी पर 10 लाख की धोखाधड़ी का लगा था आरोप
सिटी डीएसपी ने दिया था गिरफ्तारी का अादेश
रांची : लोअर बाजार पुलिस ने 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में व्यवसायी निर्मल कुमार जायसवाल और उनकी पत्नी अनुपमा देवी को पकड़ लिया़ दोनों को सर्कुलर रोड स्थित जगन्नाथ अपार्टमेंट से सात जुलाई को पकड़ गया था़, लेकिन दूसरे दिन दोनों को मामले में जेल भेजने के बजाय पुलिस ने थाना से छोड़ दिया़ खबर है कि दोनों को पैरवी पर छोड़ा गया था़
खबर यह भी है कि छोड़े जाने को लेकर केस के अनुसंधानक दारोगा ललन प्रसाद ने इसका विरोध भी तत्कालीन थाना प्रभारी डीडी पासवान के समक्ष किया था, लेकिन पैरवी के आगे केस के अनुसंधानक की मरजी नहीं चली़ दोनों को छोड़ने से पहले कुछ लोगों को थाना बुलाया गया़ जिसमें निर्मल कुमार जायसवाल और अनुपमा जायसवाल ने पुलिस को एक पेपर में यह लिख कर दिया कि हमारा जो विवाद विजय मिनोचा के साथ है़, उसका निबटारा हम 15 से 20 दिनों के भीतर कर लेंगे़ इसी पेपर पर विजय मिनोचा से भी हस्ताक्षर कराये गये. पेपर पर हस्ताक्षर करा कर छोड़े जाने की जानकारी जब विजय मिनोचा को मिली़, तब उन्होंने इसकी मौखिक जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को भी दी़ इसके बावजूद मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई़
उल्लेखनीय है कि विजय मिनोचा ने 10 लाख रुपये धोखाधड़ी के आरोप में व्यवसायी निर्मल कुमार जायसवाल और उनकी पत्नी अनुपमा देवी पर 16 मार्च को लोअर बाजार थाने में केस दर्ज कराया था़ दोनों पर रोस्पा टावर की दुकान विजय मिनोचा को बेचने के नाम पर धोखा देने का आरोप है़ सिटी डीएसपी ने जांच में आरोप सही पाते हुए सुपरवीजन रिपोर्ट में दोनों की गिरफ्तारी का आदेश केस के अनुसंधानक को दिया था़
16 मार्च : विजय मिनोचा की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी़
25 मार्च : आरोपी को बयान देने के लिए अनुरोध करने पर भी थाना में बयान देने नहीं पहुंचे.
15 अप्रैल : सिटी डीएसपी ने जांच में आरोप सही पाते हुए सुपरिवजन रिपोर्ट में दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया.
31 मई : निर्मल जायसवाल और अनुपमा जायसवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत करने लिए न्यायालय में आवेदन दिया गया़
06 जून : पुलिस ने दोनों का बयान लेने के लिए नोटिस लेकर उनके घर पहुंची, लेकिन दोनों अपने घर में नहीं मिले.
07 जुलाई : पुलिस ने दोनों को धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ लिया, लेकिन आठ जुलाई को दोनों को थाना से छोड़ दिया गया़
“मैंने 10 लाख रुपये धोखाधड़ी के आरोप में व्यवसायी निर्मल जायसवाल और उनकी पत्नी के खिलाफ लोअर बाजार थाना में केस दर्ज कराया था़ केस के अनुसंधानक ने दोनों को सात जुलाई को गिरफ्तार किया था़ मुझे भी तत्कालीन थाना प्रभारी डीडी पासवान ने इसकी सूचना दी़ सूचना पर मैं भी थाना पहुंचा़ मुझे एक पेपर पर हस्ताक्षर कराने के बाद दोनों को जेल भेजने के बजाय छोड़ दिया गया़
विजय मिनोचा, व्यवसायी
“केस के अनुसंधानक दारोगा ललन प्रसाद हैं, उन्होंने किसके आदेश पर धोखाधड़ी के आरोपी निर्मल जायसवाल और उनकी पत्नी को छोड़ा़ थाना में इसे लेकर स्टेशन डायरी है या नहीं. इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है़ दोनों को थाना बुलाया गया था, लेकिन दोनों को गिरफ्तार किया गया था या नहीं, इसके संबंध में मुझे जानकारी नहीं है़
धर्मदेव पासवान, तत्कालीन थाना प्रभारी, लोअर बाजार
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