निजी संस्थानों द्वारा पॉलिटेक्निक एवं आइटीआइ के बेहतर संचालन का हवाला देते हुए उन्होंने राज्य के पॉलिटेक्निक एवं आइटीआइ में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि एमओयू करने के पश्चात भी यदि किसी आइटीआइ या पॉलिटेक्नीक के संचालन में शिथिलता बरती जा रही हो, तो ऐसे एमओयू को रद्द किये जाने का प्रस्ताव दें.
राज्य के सभी सरकारी आइटीआइ व पॉलिटेक्नीक में बेहतर फैकल्टी एवं कुशल प्रशिक्षकों की सेवा प्राप्त करने हेतु एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करें, साथ ही मौजूदा आइटीआइ व पॉलिटेक्निक में इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने हेतु शीघ्र प्रस्ताव दें. उन्होंने कहा कि राज्य में नर्सिंग की बेहतर शिक्षा से अधिकाधिक युवाओं को रोजगार के अवसर अन्यत्र भी प्राप्त होंगे. अत: पुन: राज्य के सभी नर्सिंग स्कूलों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर लें एवं कोई कमी हो, तो उसे पूरा करें. उन्होंने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के संचालन से संबंधित यदि कोई तकनीकी कठिनाई हो, तो मुख्य सचिव के नेतृत्व में नीतिगत निर्णय लेते हुए शीघ्र जरूरी कार्रवाई करें.
बैठक में मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, श्रम विभाग की प्रधान सचिव मृदुला सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह उपस्थित थे.