रांची: झारखंड में रहनेवाली घटवार जाति को अनुसूचित जाति (एससी) का दरजा मिल सकता है. अभी यह जाति अोबीसी की सूची में शामिल है. दरअसल, घटवार जाति के लोग खुद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किये जाने की मांग करते रहे हैं.
इस संबंध में कार्मिक विभाग ने जनजातीय शोध संस्थान (टीअारअाइ), मोरहाबादी से सुझाव मांगा था. इसके बाद विभाग को भेजी अपनी शोध रिपोर्ट में टीआरआइ ने लिखा : घटवार जाति की परंपरा व मान्यताएं आदिवासियों से अलग हैं. इन्हें एसटी में शामिल नहीं किया जा सकता है. वहीं इनकी कुछ अन्य मान्यताअों के जिक्र के साथ रिपोर्ट में इन्हें अनुसूचित जाति (एससी) का दरजा दिये जा सकने की बात कही गयी है.
गौरतलब है कि केंद्र ने पहले ही घटवार को एसटी मानने की बात खारिज कर दी थी. अब टीआरआइ की शोध रिपोर्ट की जानकारी मुख्यमंत्री को देते हुए कार्मिक ने इस मुद्दे पर उनसे मंतव्य मांगा है.
खरवार की उपजातियों के लिए भी अनुशंसा
टीआरआइ ने खरवार की उपजातियों भोक्ता, देसवारी, गंझू, दौलतबंदी (दोवालबंदी), पटबंदी, राउत, माझिया तथा खैरी (खेरी) के संबंध में भी सरकार को पहले ही अपनी रिपोर्ट दी है. इसमें कहा गया है कि उपरोक्त उपजातियों को खरवार जाति का पर्याय मानते हुए इन्हें भी अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दरजा दिया जा सकता है. गौरतलब है कि खरवार पहले से एसटी की सूची में शामिल हैं. प्रभात खबर में 19 अगस्त को प्रकाशित खबर में भूल वश घटवार के बदले खरवार का जिक्र कर दिया गया था.