खूंटी के दुलमी जंगल में मुठभेड़ में घायल रांची के एसएसपी प्रभात कुमार ने प्रभात खबर से बात की. इस दौरान उन्होंने घटना का संक्षिप्त ब्योरा भी दिया. बताया कि कैसे मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों से बिल्कुल आमने-सामने की लड़ाई हुई. उन्हें अपने चालक रुमुल सेवईया की मौत का बहुत दुख है. कहते हैं, गोली लगने के बाद ऐसा लगा कि अब वह नहीं बचेंगे. लेकिन किस्मत अच्छी थी कि उनकी व अन्य पुलिसकर्मियों की जान बची.
रांची : खूंटी के दुलमी जंगल में मुठभेड़ में घायल रांची के एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि वह नक्सली चंदन को जिंदा पकड़ना चाहते थे. मुठभेड़ के दौरान पुलिस और नक्सली बिल्कुल आमने-सामने थे. बस चंद फीट की ही दूरी थी. एसएसपी ने बताया : मैंने चंदन को पकड़ भी लिया था. इसी दौरान उसने मेरे सीने पर फायर कर दिया था. इससे मैं घायल हो गया. लगा अब मैं नहीं बचूंगा. उन्होंने घटना की विस्तृृत जानकारी दी, बताया : पुलिस को सूचना मिली थी कि चंदन बड़ी घटना को अंजाम देनेवाला है. साथ ही वह एक जगह पर नहीं रुक रहा है. लगातार जगह बदल रहा है. मंगलवार को दिन के 12 बजे के बाद मुझे नक्सली चंदन के दस्ते के बारे में सटीक सूचना मिली.
इसके तुरंत बाद मैं, एएसपी अभियान हर्षपाल व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ दो वाहनों से तुपुदाना होते हुए खूंटी के रास्ते दुलमी जंगल में पहुंच गया. हम सभी सिविल ड्रेस में थे, ताकि नक्सलियों को यह भनक न लगे कि पुलिस उनकी तरफ आ रही है. नक्सली चंदन को जानने और पहचाननेवाला एक व्यक्ति भी पुलिस के साथ था. सूचना के मुताबिक तय स्थान पर पहुंचने के बाद मैं और एएसपी गाड़ी से उतर कर पानी पीने लगे. हम आसपास के जंगलों का मुआयना भी कर रहे थे. इसी बीच नक्सली वहां पहुंच गये और फायरिंग शुरू कर दी. हम लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले नक्सली बिल्कुल पास आ गये.
उन्होंने बताया : मैंने नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए कहा. पर वे नहीं माने. बिल्कुल नजदीक से पुलिस और नक्सलियों के बीच गोली चलने लगी. इसी दौरान मैं नक्सली चंदन के बिल्कुल पास पहुंच गया और उसे पकड़ने की कोशिश की. इसी कोशिश में चंदन की एके-47 राइफल की नाल मेरे सीने पर अा गयी. मैंने तत्काल राइफल हटायी, पर तब तक चंदन ने ट्रिगर दबा दिया. गोली सीने के दाहिने हिस्से को छूती हुई बांह में लगी. इसके बाद भी मैंने चंदन को कब्जे में कर लिया. चंदन लगातार इस कोशिश में था कि मुझे दूसरी गोली मारे. मुझे लगा कि अगर मैंने कुछ नहीं किया, तो चंदन मुझे दूसरी गोली मार देगा. उन्होंने बताया : मैं नक्सली चंदन को पटक कर उस पर बैठ गया. उस वक्त भी चंदन के हाथ में एके-47 थी अौर वह फायर करने की कोशिश कर रहा था. तब मैंने किसी तरह अपनी रिवाल्वर निकाली और चंदन पर फायर किया. चंदन वहीं ढेर हो गया. इसी दौरान एएसपी अभियान हर्षपाल मेरे पास आये और बताया कि चालक की मौत हो चुकी है और शाह फैजल को भी गोली लगी है.
एसएसपी के मुताबिक, गोली लगने के बाद पीठ की तरफ खून निकलने का अहसास हुआ. लगा कि गोली सीने को चीरती हुई पीछे से निकल गयी है. कुछ सेकेंड बाद बांह के पास खून निकलने लगा. दाहिना हाथ काम करना बंद कर दिया था. उस वक्त लगा कि अब मैं नहीं बचूंगा. मुठभेड़ में शामिल एक अन्य पुलिसकर्मी ने बताया कि अगर एसएसपी ने चंदन को नहीं मार गिराया होता, तो वह और पुलिसकर्मी की जान लेने में सफल हो जाता.
एसएसपी ने बताया : मुठभेड़ के बाद हमने विचार किया कि रांची चला जाया जाये या खूंटी. तय हुआ कि खूंटी जाना आसान है. इसके बाद पहले शहीद चालक के शव को गाड़ी में रखा, फिर नक्सली के शव को. उसका हथियार व अन्य सामान लेकर हम सभी खूंटी की तरफ बढ़े. रास्ते से खूंटी एसपी को घटना की जानकारी दी. इसके तुरंत बाद खूंटी एसपी पुलिस फोर्स के साथ दुलमी जाने के रास्ते में निकल गये. बीच रास्ते से एसएसपी व अन्य घायलों को रिसिव कर खूंटी लाया. जहां घायलों का प्राथमिक उपचार किया गया.
शहीद चालक की पत्नी को मिलेगी नौकरी
मुख्यमंत्री ने शहीद चालक रुमुल सेवईया की पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने अौर वर्तमान आवास को ही उनके नाम आवंटित करने का भी आदेश दिया है. सरकार ने रुमुल सेवईया के आश्रित को बुधवार को मुआवजा दिया. इंश्योरेंस, बची हुई नौकरी का वेतन और मुआवजा की कुल राशि 87.50 लाख रुपये का चेक शहीद चालक की पत्नी को दे दिया गया है.
शहीद चालक रुमुल, एसएसपी प्रभात कुमार और अंगरक्षक फैजल को राज्य शौर्य पदक
राज्य सरकार ने रांची के एसएसपी प्रभात कुमार, उनके अंगरक्षक शाह फैजल और शहीद चालक रुमुल सेवईया को राज्य शौर्य पदक देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस पर सहमति दे दी है. मुख्यमंत्री ने एसएसपी प्रभात कुमार, अंगरक्षक शाह फैजल और शहीद चालक को राष्ट्रपति पदक देने की भी अनुशंसा की है.
हालत में सुधार : मेिडका अस्पताल में भरती एसएसपी प्रभात कुमार के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है. अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय कुमार ने बताया कि बुधवार उनके स्वास्थ्य की जांच की गयी, काफी सुधार पाया गया. उन्हें न्यूरो सर्जरी के स्पेशल आइसीयू में रखा गया है. फैजल की स्थिति अभी स्थिर है. फैजल को जांघ में गाेली लगी है, जिसे अभी नहीं निकाला गया है. जब उनकी स्थिति में सुधार होगा, तब ऑपरेशन कर गोली निकाली जायेगी. उन्होंने बताया कि दोनों के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए डॉ विजय मिश्रा, डॉ प्रवीण सिंह, डॉ आशीष एवं डॉ तापस को नियुक्त किया गया है.
मेडिका पहुंचे मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री ने बुधवार को भी मेडिका अस्पताल जाकर एसएसपी से भेंट की. कहा कि नक्सलियों के कारण ही राज्य का सम्मान और विकास प्रभावित हो रहा है. सरकार नक्सलियों का सफाया कर राज्य के स्वाभिमान को शीर्ष पर पहुंचाये बिना चैन से नहीं बैठेगी.
रुमुल को दी गयी भावभीनी श्रद्धांजलि
नक्सलियों के खिलाफ अभियान में शहीद एसएसपी के चालक रुमुल सवैया का शव पोस्टमाॅर्टम के बाद कांके रोड स्थित न्यू पुलिस लाइन लाया गया़ वहां मातमी धुन बजा कर शहीद को अंतिम सलामी दी गयी़ अंतिम सलामी और श्रद्धांजलि देने वालों में मुख्यमंत्री रघुवार दास, मुख्य सचिव राजीव गौबा, डीजीपी डीके पांडेय, एडीजी निगरानी बिजली बोर्ड बीबी प्रधान, एडीजी मुख्यालय अजय भटनागर, एडीजीपी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता, पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा सहित अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मी शामिल थे़
श्रद्धांजलि के बाद शहीद के शव को अंतिम संस्कार के चाईबासा स्थित उसके पैतृक गांव भेज दिया गया़ इससे पहले मुख्यमंत्री पुलिस अधकारियों के साथ शहीद की पत्नी बेलो और उनके बच्चों से मिले़ उन्हें सांत्वना दी़ उन्होंने सरकार की ओर से शहीद की पत्नी को मिलने वाली अन्य सुविधाएं और राशि भी जल्द देने का आश्वासन दिया.
मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने बताया है कि यह पहला मौका है, जब किसी के शहीद होने पर तुरंत मुख्यमंत्री की ओर से 87 लाख 50 हजार 500 की राशि प्रदान की गयी़ . अखिलेश्वर पांडेय ने बताया कि सरकार की ओर से अन्य लाभ जल्द ही शहीद के परिजन को देने का आश्वासन दिया गया है़ उन्हाेंने कहा कि सरकार के इस प्रयास से पुलिस का मनोबल बढ़ा है़ जल्द ही पुलिस भी सरकार को बेहतर परिणाम देगी़
वीरता पदक व आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने मांग
पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व जिला अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह की ओर से नक्सलियों के खिलाफ अभियान में शामिल एसएसपी और उनकी टीम को वीरता पदक और आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने की मांग की गयी है़ इस पर मुख्यमंत्री की ओर से उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है़ इसके साथ ही शहीद की प्रतिमा निर्माण करने की मांग की गयी है़ मुख्यमंत्री के समक्ष यह मांग रखते हुए रांची जिला पुलिस मेंस एसोसिएशन के संयुक्त मंत्री इमरान खान रो पड़े़.
खूंटी क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू
खूंटी: खूंटी के दुलमी गांव के जंगल में मंगलवार को हुई मुठभेड़ के 12 घंटे से बाद बुधवार की सुबह से नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया. अभियान में रांची और खूंटी पुलिस के अलावा झारखंड जगुआर, जैप, आइआरबी, सीआरपीएफ व कोबरा बटालियन के जवानों को लगाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक घटना के बाद पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान नहीं शुरू किया था. मुठभेड़ की खबर मिलने के बाद खूंटी एसपी अनीस गुप्ता फोर्स के साथ दुलमी जंगल जाने वाली सड़क पर निकले थे. लेकिन वह बीच रास्ते से एसएसपी को लेकर खूंटी लौटे थे. जानकारी के मुताबिक, पुलिस का अभियान अड़की के जरंगा, मोसांगा, बारीगढ़ा, सोसोकुटी, सरले, लादूप, सेरेंगडीह, सिरूम सहित अन्य गांवों के आसपास के जंगलों में चलाया जा रहा है.
कुंदन नहीं था घटना में : डीआइजी अरुण कुमार ने इस बात से इनकार किया है कि दुलमी जंगल की घटना में कुंदन पाहन शामिल था. सूत्रों के मुताबिक ,मुठभेड़ के वक्त चंदन के अलावा तीन या चार नक्सली ही घटनास्थल पर थे, जिनमें से एक को पुलिस की गोली लगी.
एडीजी पहुंचे खूंटी, की बैठक: बुधवार को एडीजी अभियान एसएन प्रधान, डीआइजी अरुण कुमार, एएसपी अभियान हर्षपाल खूंटी पहुंचे. एडीजी ने अधिकारियों के साथ बैठक की.