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आजीवन कारावास की सजा बरकरार, पीडि़ता को मुआवजा

रांची : बोकारो के बहुचर्चित गैंगरेप कांड मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने 12 सजायाफ्ताओं के आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा. वहीं, आजीवन कारावास की सजा काट रहे आठ को रिहा करने का आदेश दिया. राज्य सरकार को पीड़िता के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. कोर्ट ने गैंगरेप […]

रांची : बोकारो के बहुचर्चित गैंगरेप कांड मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने 12 सजायाफ्ताओं के आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा. वहीं, आजीवन कारावास की सजा काट रहे आठ को रिहा करने का आदेश दिया. राज्य सरकार को पीड़िता के परिजन को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया.
कोर्ट ने गैंगरेप मामले के अनुसंधान की खामियों पर बोकारो के तत्कालीन डीएसपी मो नेहाल के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने गुरुवार को क्रिमिनल अपील याचिकाओं पर उक्त फैसला सुनाया. पूर्व में सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था.
खंडपीठ के 93 पृष्ठों के फैसले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सजायाफ्ता यूनुस अंसारी, बरजू शा, सयूम अंसारी, मोमिन अख्तर, प्रमोद पिल्लई, सिराजुद्दीन अंसारी, अनवर अंसारी, इसलाम अंसारी, फिरोज शा, हबीब अंसारी, अब्बास अंसारी, मनी स्वामी के खिलाफ निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को सही ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा. वहीं सजा काट रहे अब्दुल सतार अंसारी, मोजीब अंसारी, काजी रिजवान, गफ्फार अंसारी, नूर आलम, इकबाल शॉ, खादिम हुसैन सहित आठ को रिहा कर दिया गया. 21 मई 2004 को बोकारो के प्रथम एडिशनल सेशन जज महेंद्र झा की अदालत ने मामले में दोषी पाने के बाद 21 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. एक सजायाफ्ता तालीब अंसारी की मौत हो चुकी है.
05.04.99 को हुई थी दिल दहलानेवाली घटना
बोकारो के बीएसएल कॉलोनी स्थित आवास के पास से रात लगभग आठ बजे के करीब 19 वर्षीय पीड़िता का अपहरण कर भूरा बस्ती के कव्वाली मैदान ले जाया गया, जहां उसके साथ दिल दहलानेवाला अमानवीय व्यवहार किया गया. पांच-छह घंटे तक लगातार आरोपियों ने एक-एक कर अपना मुंह काला किया. पीड़िता को मृत समझने के बाद आरोपियों द्वारा दफनाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था. उसी समय पीड़िता को होश आ गये और वह बदहवास बस्ती की ओर दौड़ पड़ी और एक घर में घुस गयी. लड़की की हालत देखते हुए घर के लोगों ने दरवाजा बंद कर पुलिस को खबर की. बाद में उसे अस्पताल में भरती कराया गया. 21 अप्रैल 99 को पुलिस ने लड़की का फर्द बयान दर्ज किया था. धारा 164 के तहत भी पीड़िता का बयान दर्ज हुआ था.
दाढ़ीवाला के रूप में की थी पहचान
पीड़िता ने एक आरोपी की पहचान दाढ़ीवाला के रूप में की थी. उसने पुलिस को बताया कि दाढ़ीवाला व्यक्ति ने उसके साथ सबसे पहले दुष्कर्म किया था और अंत तक रहा था. अनुसंधान में पुलिस ने दाढ़ीवाले को आरोपी यूनुस अंसारी के रूप में पहचान की.
घटना के कुछ दिन बाद पीड़िता की हो गयी मौत
घटना के बाद पीड़िता की मानसिक स्थिति खराब हो गयी. उसकी स्थिति कई दिनों तक गंभीर बनी रही. घटना के बाद उसके पिता भिलाई चले गये. 20 अप्रैल 2008 को पीड़िता की मौत हो गयी.

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