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..और रबर के निकले गणोश
आस्था से खिलवाड़ : मशरूम में भगवान की आकृति की अफवाह रांची : धार्मिक आस्था व अंधविश्वास के चक्कर में बुधवार को सैकड़ों लोगों ने खुद को उस समय ठगा सा महसूस किया, जब उन्होंने देखा कि जिसे वे मशरूम का गणोश समझकर पूजा कर रहे हैं, वह फेविकॉल से चिपकायी गयी रबर की मूर्ति […]
आस्था से खिलवाड़ : मशरूम में भगवान की आकृति की अफवाह
रांची : धार्मिक आस्था व अंधविश्वास के चक्कर में बुधवार को सैकड़ों लोगों ने खुद को उस समय ठगा सा महसूस किया, जब उन्होंने देखा कि जिसे वे मशरूम का गणोश समझकर पूजा कर रहे हैं, वह फेविकॉल से चिपकायी गयी रबर की मूर्ति थी. घटना बुधवार को रांची के व्यस्त इलाके पिस्का मोड़ में घटी.
सुबह छह बजे के लगभग में कुछ युवकों ने मिल कर यह बात फैला दी कि यहां पर वृक्ष के नीचे मशरूम के गणोश जी प्रकट हुए हैं. देखते देखते ही यह बात आसपास फैल गयी. दस बजे तक पिस्का मोड़ स्थित श्री विश्वनाथ शिव मंदिर परिसर से लेकर सड़क तक लोगों की भीड़ लगी हुई थी. जो भी वहां से गुजरता, ठहर कर भगवान गणोश का दर्शन जरूर करता था.
यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा. इस दौरान इतनी भीड़ इतनी बढ़ गयी कि ट्रैफिक कंट्रोल के लिए पुलिस कर्मियों को तैनात करना पड़ा. दिन के करीब 10 बजे देखा गया कि बड़ी संख्या में महिलाएं विशाल वृक्ष के नीचे गणोश भगवान की पूजा कर रही हैं.
विधिवत पूजा कराने के लिए पंडित जी भी चढ़ावा वाली थाली लेकर बैठ गये थे. चढ़ावा भी शुरू हो गया था. भीड़ इतनी थी कि धक्का-मुक्की भी होने लगी. लोग एक-दूसरे पर गिर कर गणोश जी का दर्शन कर रहे थे. जयकारे भी लग रहे थे.
कुछ युवकों का था हाथ
पास ही श्रद्धालु के रूप में खड़े युवक राहगीरों को चमत्कार के बारे में बता रहे थे. गणोश जी के दर्शन के लिए प्रेरित भी कर रहे थे. देखते ही देखते सड़क पर वाहनों की कतार लग गयी.
सावधानी के लिए गणोश भगवान की आकृति को चारों तरफ से घेर दिया गया था, ताकि कोई छू न सके. बताया जा रहा था कि स्वयं गणोश जी यहां प्रकट हुए हैं. धीरे-धीरे शहर के दूसरे किनारे के लोग भी यहां आने लगे. यह सिलसिला दोपहर तीन बजे तक चला.
ऐसे खुला भेद
कुछ जागरूक लोगों ने जब गणोश जी को छुआ को उन्हें संदेह हुआ. जब उन्हें संदेह हुआ तो उसे उठाना चाहा. देखा गया कि गणोश जी को फेविकॉल से चिपकाया गया था. बस भेद खुल गया. लोगों को युवकों की शरारत समझ में आ गयी. पूजा करने व चढ़ावा अर्पित करनेवाले लोगों को शर्मिदगी का सामना करना पड़ा.
वे खुद को ठगा सा महसूस कर रहे थे. जिन युवकों की यह करतूत थी, वे सरक लिये. वहां खड़े अंधभक्तों ने रबर के गणोश जी को वहीं स्थित कुएं में विसजिर्त कर दिया. चढ़ावा से आये करीब चार हजार रुपये को शिव मंदिर में रख दिया गया.
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