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फांसी की सजा से बरी हुआ बेड़ो का विशेष
रांची : हाइकोर्ट ने क्रिमिनल अपील पर सुनवाई के बाद सजायाफ्ता विशेष महतो उर्फ धेना महतो को साक्ष्य के अभाव में फांसी की सजा से बाइज्जत बरी कर दिया. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को गलत बताते हुए खारिज कर दिया. तीन अक्तूबर 2013 को फास्ट […]
रांची : हाइकोर्ट ने क्रिमिनल अपील पर सुनवाई के बाद सजायाफ्ता विशेष महतो उर्फ धेना महतो को साक्ष्य के अभाव में फांसी की सजा से बाइज्जत बरी कर दिया. जस्टिस आरआर प्रसाद व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले को गलत बताते हुए खारिज कर दिया.
तीन अक्तूबर 2013 को फास्ट ट्रैक कोर्ट रांची की न्यायाधीश सीमा सिन्हा की अदालत ने आरोपी विदेश महतो को दोषी पाकर फांसी की सजा सुनायी थी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता पीके नायर ने खंडपीठ को बताया कि पुलिस ने फरजी चश्मदीद गवाह तैयार किया था.
पवन बैठा व मारू उरांव को पुलिस ने महीनों हिरासत में रखने के बाद उन्हें चश्मदीद गवाह बनाया था. उन्होंने पुलिस के दवाब में गवाही दी. गौरतलब है कि आठ मई 2008 को बेड़ो थाना क्षेत्र की 11 वर्षीय नाबालिग से बलात्कार के बाद हत्या करने का आरोप विशेष महतो व धेना महतो पर लगा था.
निचली अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया था, जिसके आधार पर अदालत ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर घटना बताते हुए फांसी की सजा तय की थी. आरोपी छह जून 2008 से जेल में बंद है. सजायाफ्ता ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी.
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