झिरी के डंपिंग यार्ड से महज 300 मीटर दूर स्थित है जगुआर का कैंप रांची. झिरी के डंपिंग यार्ड से केवल आसपास के लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि इससे 300 मीटर दूर स्थित जगुआर के कैंप में रह रहे जवान भी परेशान हैं. जवानों का कहना है कि डंपिंग यार्ड के बगल में बनाये गये इस कैंप में मक्खी मच्छरों का प्रकोप बरसात में बहुत बढ़ जाता है. हवा का झोंका जब भी दक्षिणी छोर से आता है, तो ऐसा लगता है कि मानो कूड़े के ढेर के बीच में बैठे हुए हैं. कैंप में रह रहे जवानों ने कहा कि कूड़े की बदबू व मक्खी-मच्छरों के अत्यधिक प्रभाव के कारण प्रतिदिन आठ से 10 जवान बीमार रहते हैं. दुर्गंध से मुक्ति के लिए कई बार वरीय अधिकारियों को भी सूचित किया गया है, परंतु अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में परेशानी होगी खड़ी : झिरी का डंपिंग यार्ड 20 एकड़ से अधिक जमीन पर फैला हुआ है. बढ़ते कूड़े के ढेर व वेस्ट ट्रिटमेंट प्लांट के निर्माण में हो रही देरी को देख कर ऐसा लगता है कि आनेवाले दिनों में नगर निगम के समक्ष एक नयी परेशानी खड़ी होने वाली है. वर्तमान में झिरी के डंपिंग यार्ड से मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर घर बसा कर लोग रह रहे हैं. अगर जमीन अधिग्रहण कर इन्हें कहीं दूसरी जगह नहीं बसाया गया, तो आने वाले दिनों में एक नयी चुनौती निगम के समक्ष खड़ी हो जायेगी.
बदबू से जीना मुहाल, जगुआर के जवान रहते हैं बीमार
झिरी के डंपिंग यार्ड से महज 300 मीटर दूर स्थित है जगुआर का कैंप रांची. झिरी के डंपिंग यार्ड से केवल आसपास के लोग ही परेशान नहीं हैं, बल्कि इससे 300 मीटर दूर स्थित जगुआर के कैंप में रह रहे जवान भी परेशान हैं. जवानों का कहना है कि डंपिंग यार्ड के बगल में बनाये […]
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