एजेंसियां, नयी दिल्लीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नजदीकी एक थिंक टैंक संविधान के अनुच्छेद 35ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. उसका दावा है कि यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेषाधिकार और अधिकार प्रदान करने की इजाजत देता है, लेकिन कई अन्य को अधिकार देने से रोकता है.थिंक टैंक ‘जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर’ के निदेशक आशुतोष भटनागर ने कहा, ‘अनुच्छेद 35ए को संविधान में 1954 में राष्ट्रपति के एक आदेश के जरिये शामिल किया गया था. लेकिन यह संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है, जिसमें संसद भी संशोधन नहीं कर सकती. इसलिए यह अनुच्छेद असंवैधानिक है, जिसे संसद को विश्वास में लिये बिना जोड़ा गया था.’भटनागर ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले का स्वत: संज्ञान लेगा. यदि यह नहीं होता है, तो समूह उसका दरवाजा खटखटायेगा. प्रमुख संवैधानिक विशेषज्ञों का एक समूह इस मुद्दे पर गहन अध्ययन कर रहा है. वह जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम से इतर बोल रहे थे, जिसमें ‘अनुच्छेद 35ए के पीडि़तों’ ने अपनी समस्याएं साझा की.अनुच्छेद 35ए का असरत्रवर्षों पहले यहां बसाये गये लोगों के बच्चे कई अधिकारों से वंचितत्रस्थायी निवासी कार्ड नहीं मिलता, जमीन नहीं खरीद सकते, सरकारी नौकरी नहीं मिलतीत्रकरीब 20 लाख लोग शैक्षिक अधिकारों से हैं वंचितत्रपंचायत चुनाव में नहीं दे पाते वोट, लोकसभा चुनाव में देते हैं
अनुच्छेद 35ए को कोर्ट में चुनौती देेने की तैयारी
एजेंसियां, नयी दिल्लीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नजदीकी एक थिंक टैंक संविधान के अनुच्छेद 35ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. उसका दावा है कि यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेषाधिकार और अधिकार प्रदान करने की इजाजत देता है, लेकिन कई अन्य को अधिकार देने से रोकता है.थिंक […]
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