पटना. मशहूर ‘सुपर 30’ संस्थान में बड़ी संख्या में छात्रों ने गरीबी को मात देकर प्रतिष्ठित जेइइ-एडवांस परीक्षा में तो कामयाबी हासिल कर ली, लेकिन वे अब भी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. सुजीत कुमार, धनंजय कुमार, प्रेमपाल कुमार और श्रवण कुमार ‘सुपर 30’ के उन छात्रों में शामिल हैं जो आजकल चिंतित हैं. उन्होंने जेइइ-एडवांस में सफलता तो हासिल कर ली लेकिन उनके पास काउंसलिंग में शामिल होने के लिए 45,000 रुपये नहीं हैं. गौरतलब है कि काउंसलिंग में शामिल होने के लिए 45,000 रुपये का चालान जमा करना जरूरी होता है. ‘सुपर 30’ के संस्थापक और जानेमाने गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा कि बैंक कर्ज मुहैया कराने के लिए तो तैयार हो गये हैं, लेकिन वे उन्हें चालान के लिए 45,000 रुपये नगद नहीं देंगे. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘समस्या यह है कि आइआइटी ने भले ही काउंसलिंग फीस 60,000 से घटाकर 45,000 रुपये कर दिये हों लेकिन अब वह चालान के जरिये फीस जमा करने को कहती है, जिसके लिए नगद जरूरी होता है.’ कुमार ने कहा कि गरीब छात्रों के लिए 45,000 रुपये का इंतजाम करना आसान नहीं होता. आइआइटी को उन्हें कुछ ढील देनी चाहिए. इस साल ‘सुपर 30’ के 30 में से 25 छात्र जेइइ-एडवांस में सफल हुए. सफल हुए ये सभी छात्र गरीब परिवारों से आते हैं.
‘सुपर 30’ के गरीब छात्रों ने काउंसलिंग के लिए 45,000 रुपये की फीस में ढील देने की अपील
पटना. मशहूर ‘सुपर 30’ संस्थान में बड़ी संख्या में छात्रों ने गरीबी को मात देकर प्रतिष्ठित जेइइ-एडवांस परीक्षा में तो कामयाबी हासिल कर ली, लेकिन वे अब भी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. सुजीत कुमार, धनंजय कुमार, प्रेमपाल कुमार और श्रवण कुमार ‘सुपर 30’ के उन छात्रों में शामिल हैं जो आजकल चिंतित […]
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