रांची: रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एलएन भगत ने कहा कि एक-दूसरे की भाषा जानने- समझने से राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन मिलता है. शिक्षा के क्षेत्र में नये व विविध विषयों को लाना जरूरी है.
जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग और कुड़ुख लिटरेरी सोसाइटी इन विषयों पर सम्मेलन व कार्यशाला आयोजित करते रहे. भाषाओं की जानकारी के लिए एमओयू करे. विश्वविद्यालय इसमें हरसंभव सहयोग देगा. डॉ भगत शुक्रवार को जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में तमिल भाषा पर दस दिवसीय कार्यशाला के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
तमिल भाषा के विशेषज्ञ, भाषा संगम, इलाहाबाद के सचिव डॉ एम गोविंदराजन ने कहा कि भाषा भेद को दूर कर भावनात्मक एकता कायम करें. हरेक को अपनी मां प्यारी और अपना बच्च सुंदर लगता है. भाषा मां और साहित्य बच्चे की तरह है. इससे पूर्व डॉ हरि उरांव व महेश भगत ने अतिथियों का स्वागत किया. डॉ दिवाकर मिंज, रमणिका गुप्ता, त्रिवेणीनाथ साहू, उमेशनंद तिवारी, प्रो महामनी उरांव, वासवी कीड़ो समेत कई मौजूद थे.