मुंबई. 11 जुलाई, 2006 को हुए बम विस्फोटों में घायल हुए 36 वर्षीय पराग सांवत की नौ साल तक कोमा में रहने के बाद मौत हो गयी. सावंत को 12 जुलाई, 2006 को पीडी हिंदुजा अस्पताल में भरती कराया गया था. उनके सिर पर गहरी चोट आयी थी. परिवार में उनकी पत्नी प्रीति और एक बेटी है. पीडी हिंदुजा अस्पताल के कंसलटेंट न्यूरोसर्जन डॉ बीके मिश्रा ने कहा, ‘वह दो साल गहरे कोमा में थे और फिर उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ. मस्तिष्क के उपचार के लिए उनका कई बार ऑपरेशन किया गया और वह कुछ वर्षों से सपोर्टिव केयर और फिजियोथैरेपी के सहारे थे. मंगलवार की सुबहउनकी स्थिति खराब हुई.’ तमाम कोशिशों के बावजूद पराग सावंत को नहीं बचाया जा सका. विस्फोट के समय सावंत चर्चगेट-विरार ट्रेन में थे. विस्फोट 11 जुलाई, 2006 को मीरा रोड के निकट हुआ था. विस्फोट में करीब 188 लोगों की मौत हो गयी थी और 817 लोग घायल हो गये थेे. विस्फोट में सावंत के दिमाग पर गहरा आघात लगा था. उन्हें भक्ति वेदांता अस्पताल में भरती कराया गया और बाद में हिंदुजा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था.
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नौ साल कोमा में रहने के बाद मुंबई ट्रेन धमाकों के पीडि़त की मौत
मुंबई. 11 जुलाई, 2006 को हुए बम विस्फोटों में घायल हुए 36 वर्षीय पराग सांवत की नौ साल तक कोमा में रहने के बाद मौत हो गयी. सावंत को 12 जुलाई, 2006 को पीडी हिंदुजा अस्पताल में भरती कराया गया था. उनके सिर पर गहरी चोट आयी थी. परिवार में उनकी पत्नी प्रीति और एक […]
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