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खुला राज, मस्तिष्क में कैसे बनती हैं अच्छी यादें

नया अध्ययनएजेंसियां, लॉस एंजिल्समस्तिष्क के एक विशेष क्षेत्र के न्यूरॉन हर दिन के घटनाक्रम के बारे में तेजी से स्मृतियां बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. एक नये अध्ययन में यह बात कही गयी है. इस नये अध्ययन से अल्झाइमर तथा तंत्रिका संबंधी अन्य बीमारियों से निपटने के लिए नये उपाय खोजने की राह प्रशस्त […]

नया अध्ययनएजेंसियां, लॉस एंजिल्समस्तिष्क के एक विशेष क्षेत्र के न्यूरॉन हर दिन के घटनाक्रम के बारे में तेजी से स्मृतियां बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं. एक नये अध्ययन में यह बात कही गयी है. इस नये अध्ययन से अल्झाइमर तथा तंत्रिका संबंधी अन्य बीमारियों से निपटने के लिए नये उपाय खोजने की राह प्रशस्त होती है.अध्ययन में एपीसोडिक मेमरी से जुडे़ मीडियल टेम्पोरल लोब में पाये जाने वाले न्यूरानों का अध्ययन किया गया. एपीसोडिक मेमरी वह होती है जिसमें मस्तिष्क विभिन्न घटनाक्रमों को याद करने में सक्षम होता है. इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉ इत्जाक फ्राइड ने कहा कि अनुसंधान दल ने मेडिकल टेम्पोरल लोब के न्यूरॉनों को पहले रिकॉर्ड किया और पाया कि किसी भी अनुभव के सटीक घटनाक्रम के दौरान उसकी स्मृतियों को सहेजने के लिए कोशिकाएं अपने ही अंदर परिवर्तन कर लेती हैं.डॉ फ्राइड यूनिवर्सिटी ऑफ कैरोलिना – लॉस एंजिल्स हेल्थ साइंसेज से संबद्ध हैं. उन्होंने कहा ‘यह अध्ययन न्यूरॉन कोड की गहराई तक किया गया और यह न्यूरॉन कोड मानवीय बोध एवं स्मृतियों के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है.’ यह अध्ययन मिर्गी प्रभावित 14 मरीजों पर किया गया जिनके मस्तिष्क में संभावित ऑपरेशन के लिए दौरों का पता लगाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रोड लगाये गये थे. अध्ययन के नतीजे जर्नल न्यूरॉन में प्रकाशित हुए हैं.

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