संवाददाता, रांची रांची पुलिस अपराध रोकने में पूरी तरह से नाकाम है. वारदात के बाद सिर्फ उनका काम सनहा और प्राथमिकी दर्ज करना ही रह गया है. अपराधियों की गिरफ्तारी की आमलोगों को भी उम्मीद नहीं रहती है. मजे की बात तो यह है कि जब लोग पुलिस को चोरी की सूचना देते हैं, तो पुलिस उसे भी नजरअंदाज कर देती है. वाक्या सदर थाना क्षेत्र की है. थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर 28 जून की देर रात तीन चोर एक ठेला लेकर चोरी करने पहुंचे थे. चोरों पर नजर पड़ते ही लोगों ने इसकी सूचना 100 डायल पर दी. इसके बाद करीब आधे घंटे के बाद पुलिस वहां पहुंची. तब तक चोर वहां से भाग निकले थे. सूचना देनेवालों ने कहा: पहले सदर थाना के लैंड लाइन पर फोन किया गया, लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया. उसके बाद लोगों ने थाना प्रभारी के सरकारी नंबर पर सूचना दी, लेकिन थानेदार भी सही तरीके से बात नहीं कर रहे थे. कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद 100 नंबर पर फोन किया गया. 100 डॉयल पर भी ड्यूटी करनेवाले पुलिसकर्मी ने तुरंत सूचना वायरलेस पर फ्लैश करना जरूरी नहीं समझा. उल्टे सूचना देनेवाले का फोन नंबर नोट करने में लगे गये. काफी विलंब के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, लेकिन अपराधी भाग चुके थे. कोकर में बढ़ी है चोरियांकोकर के लोगों का कहना है कि आये दिन इस इलाके में चोरी हो रही है. एक बैटरी की कंपनी के बाउंड्री में घुस कर चोर कई बार चोरी कर चुके हैं. पुलिस के लफड़े से बचने के लिए चोरी की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. लोगों का कहना है कि पुलिस केवल मेन रोड पर ही गश्त कर निकल जाती है. यदि गली में भी गश्त किया जाय तो अपराध के ग्राफ में काफी कमी आयेगी.
सदर पुलिस चाहती तो पकड़े जाते अपराधी
संवाददाता, रांची रांची पुलिस अपराध रोकने में पूरी तरह से नाकाम है. वारदात के बाद सिर्फ उनका काम सनहा और प्राथमिकी दर्ज करना ही रह गया है. अपराधियों की गिरफ्तारी की आमलोगों को भी उम्मीद नहीं रहती है. मजे की बात तो यह है कि जब लोग पुलिस को चोरी की सूचना देते हैं, तो […]
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