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10 साल में 15 लाख लोग हुए मलेरिया से पीड़ित
वर्ष 2011 के बाद नहीं हुई मच्छरदानी की खरीदारी रांची : गत 10 वर्षो (2004-15) के दौरान 15 लाख से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हुए हैं. यानी हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोगों को मलेरिया के मच्छर काट रहे हैं. इधर, राज्य में वर्ष 2011 के बाद से मच्छरदानी की खरीद नहीं हुई है. […]
वर्ष 2011 के बाद नहीं हुई मच्छरदानी की खरीदारी
रांची : गत 10 वर्षो (2004-15) के दौरान 15 लाख से अधिक लोग मलेरिया से पीड़ित हुए हैं. यानी हर वर्ष औसतन डेढ़ लाख लोगों को मलेरिया के मच्छर काट रहे हैं. इधर, राज्य में वर्ष 2011 के बाद से मच्छरदानी की खरीद नहीं हुई है. पिछली सरकार ने मच्छरदानी खरीद के लिए 50 करोड़ का बजट तो बनाया था, लेकिन मच्छरदानी की खरीद नहीं हो सकी.
अभी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किरीबुरू में यह घोषणा की है कि सरकार हर परिवार को दो मच्छरदानी देगी. इधर, मच्छरदानी खरीद की फाइल प्रशासनिक स्वीकृति के लिए अभी विभाग में है. बरसात में मच्छर का प्रकोप बढ़ जाता है.
आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष मलेरिया से पीड़ित होनेवाले करीब डेढ़ लाख लोगों में से औसतन 50 हजार लोगों को हर वर्ष ब्रेन मलेरिया (प्लाजमोडियम फॉल्सिफेरम या पीएफ) हो जाता है, जो खतरनाक होता है. ऐसे लोगों को गहन चिकित्सा की जरूरत होती है. कारगर चिकित्सा नहीं होने पर मौत की संभावना बढ़ जाती है. राज्य मलेरिया पदाधिकारी कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार गत 10 वर्षो में राज्य भर में 118 लोगों की मलेरिया से मौत हुई है. हालांकि इस सरकारी आंकड़े पर गैर सरकारी सूत्रों को भरोसा नहीं है. स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत एक संस्था के अनुसार मलेरिया से प्रभावित लोगों तथा मलेरिया से हुई मौत की सही संख्या इससे कहीं अधिक है.
राज्य के कुल 17 जिलों को मलेरिया से प्रभावित माना गया है. इनमें बोकारो, चतरा, धनबाद, दुमका, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, पलामू, रांची, सरायकेला, सिमडेगा, प सिंहभूम, पू सिंहभूम व हजारीबाग जिले शामिल हैं. प सिंहभूम का सारंडा इलाका मलेरिया से अति प्रभावित माना जाता है.
विभागीय सूत्रों के अनुसार इस इलाके में हर वर्ष 10 हजार से अधिक लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं. नक्सल प्रभावित इस इलाके में सुरक्षा बलों व नक्सलियों को एक दूसरे अलावा मलेरिया मच्छरों से भी जूझना पड़ता है.
(दो वर्ष के आंकड़े अनुपलब्ध हैं. अन्य वर्षो के ट्रेंड के आधार पर गत 10 वर्षो मे मलेरिया के पोजिटिव केस 18 लाख तथा ब्रेन मलेरिया के कुल केस लगभग छह लाख हो सकते हैं. वहीं मौत का आंकड़ा भी बढ़ेगा)
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