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राज्य के विश्वविद्यालय करेंगे सामाजिक प्रभाव का आकलन

रांची: झारखंड में जमीन अधिग्रहण के पहले सोशल इंपैक्ट असेसमेंट का काम राज्य के विश्वविद्यालय करेंगे. राज्य के सभी पांच विश्वविद्यालयों (रांची विवि, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि और कोल्हान विवि) को सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी के लिए सूचीबद्ध किया गया है. भू-राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित की गयी सूची में पश्चिम बंगाल […]

रांची: झारखंड में जमीन अधिग्रहण के पहले सोशल इंपैक्ट असेसमेंट का काम राज्य के विश्वविद्यालय करेंगे. राज्य के सभी पांच विश्वविद्यालयों (रांची विवि, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि और कोल्हान विवि) को सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

भू-राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचित की गयी सूची में पश्चिम बंगाल के एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर, वेबकॉन कंसलटिंग (इंडिया लिमिटेड) और मुंबई की एएफसी इंडिया लिमिटेड को भी सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी के लिए उपयुक्त माना गया है. जिलों के उपायुक्त द्वारा आवश्यकता बताने पर सूचीबद्ध संस्थाएं सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी करेंगी. इसके एवज में उपायुक्त की सहमति से कीमत भी निर्धारित की जायेगी. सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी करने वाली संस्था जिला प्रशासन को एलएआरआर एक्ट 2013 और जेएलएआरआर रूल 2015 में उल्लेखित शर्तो के अनुरूप मुआवजा निर्धारित करने में मदद करेंगे.

मालूम हो कि भूमि अधिग्रहण बिल में जमीन अधिग्रहण के पहले सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी अनिवार्य किया गया है. झारखंड में अब तक केंद्रीय विवि ही सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी करने के लिए सूचीबद्ध एकमात्र संस्था थी. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भूमि अधिग्रहण के लिए सोशल इंपैक्ट असेसमेंट स्टडी को महत्वपूर्ण आधार दिया गया है. स्टडी के आधार पर ही जमीन अधिग्रहण की शर्ते निर्धारित की जानी है.

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