त्रसिविल सोसाइटी से मांगी सलाहएजेंसियां, नयी दिल्लीअपनी तरह की पहली कवायद में केंद्र ने सात बड़े शहरों में सिविल सोसाइटी से 100 ऐसे सार्वजनिक भवनों की पहचान करने को कहा है, जिन्हें नि:शक्तजनों के लिए ‘बाधा रहित’ बनाया जा सके. नि:शक्तजन सशक्तिकरण विभाग ने आम व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों, एसोसिएशनों और स्थानीय निकाय संस्थाओं से दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, गुड़गांव, गुवाहाटी, जयपुर और मुंबई के सरकारी भवनों के बारे में सुझाव मांगा है, जहां नि:शक्तजन अक्सर जाते हैं, लेकिन वहां पर उनके लिए सुविधाओं की कमी है.केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत काम करनेवाला विभाग इस तरह के भवनों को अगले साल तक ‘पूरी तरह पहुंच योग्य परिसर’ के तौर पर बनायेगा. सुझावों के आधार पर विभाग पहले चरण में कुल 100 सार्वजनिक भवनों की अंतिम सूची बनायेगा. पैनल इन भवनों की जांच करेगा, जिसमें नि:शक्त लोग भी होंगे.नि:शक्तजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया, ‘हमारा मंत्रालय केंद्र सरकार से जुड़े सार्वजनिक भवनों के लिए अन्य केंद्रीय मंत्रालयों से समन्वय करेगा. राज्य सरकार की इमारतों के लिए हम संबंधित राज्यों के सामाजिक कल्याण विभाग से संपर्क करेंगे और इस संबंध में आवश्यक सहयोग करेंगे.’
केंद्र ने नि:शक्तजनों के लिए बनेंगी अनुकूल इमारतें
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