रांची: राज्य में बिना शुल्क दिये वाहनों का मनचाहा नंबर लेना अब संभव नहीं है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा नये सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह सॉफ्टवेयर रैंडम तरीके से वाहनों को नंबर प्रदान करता है. यानी एक हजार नंबर की सीरीज में पहला नंबर 975 है, तो दूसरा नंबर 17 भी हो सकता है.
सबसे खास बात यह कि कंप्यूटर के अलावा किसी अन्य को यह नहीं पता चलेगा कि अगला नंबर क्या आयेगा. ज्ञात हो कि पहले मनचाहा नंबर लेने के लिए शुल्क नहीं देना पड़ता था. रेयर (बिरला) नंबर को छोड़ कोई भी च्वाइस नंबर देना डीटीओ के हाथ में होता था.
इससे होता यह था कि डीटीओ या डीटीओ कार्यालय के बाबू जान-पहचानवालों को या फिर पैरवी आने पर आसानी से मनचाहा नंबर उपलब्ध करा देते थे. इससे सरकार को शुल्क के रूप में कुछ भी नहीं मिलता था. इससे देखते हुए ही अब नियम परिवर्तित कर दिया गया है. सरकार के आदेश पर 16 जुलाई से राज्य भर में नये सॉफ्टवेयर से वाहनों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है.
राज्य सरकार ने नियम में किया परिवर्तन
अब मनचाहा नंबर लेने के लिए पांच से 11 हजार रुपये देने होंगे. इस राशि में भी वही नंबर मिलेंगे, जो रेयर नंबर की श्रेणी में नहीं आते हैं. सीरीज बदल कर च्वाइस नंबर लेने के लिए 25 हजार रुपये अतिरिक्त फीस देनी होगी. वहीं रेयर नंबर के लिए निर्धारित फीस 15 हजार से एक लाख रुपये तक है.