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बाल विवाह रोकने के लिए क्या कदम उठाये
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राज्य में बाल विवाह रोकने व कानून के तहत रूल्स बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि राज्य में […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को राज्य में बाल विवाह रोकने व कानून के तहत रूल्स बनाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
पूछा कि राज्य में बाल विवाह को रोकने के लिए क्या कदम उठाये गये हैं. इस संबंध में कोई कानून अथवा नियमावली बनाया गया है या नहीं. 16 जून तक शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल किया जाये. मामले की अगली सुनवाई 17 जून को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी जागो फाउंडेशन की ओर से अधिवक्ता ने खंडपीठ को बताया कि राज्य में बाल विवाह लगातार जारी है.
एक सर्वे के मुताबिक सिर्फ गिरिडीह के 11 पंचायतों में वर्ष 2012 में 148 बाल विवाह हुए थे. राज्य में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत अब तक नियमावली नहीं बनायी गयी है, जबकि बिहार, ओड़िशा सहित दूसरे राज्यों में नियमावली बना कर लागू कर दिया गया है.
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