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गैंगवार को लेकर पुलिस गंभीर नहीं
रांची : आपराधिक गिरोहों के बीच होनेवाले गैंगवार को लेकर राज्य पुलिस कभी भी गंभीर नहीं रहती. गैंगवार में कई बार आम लोगों की जान भी खतरे में पड़ जाती है. अदालत जैसे सुरक्षित जगह की सुरक्षा पर भी खतरा पैदा हो जाता है, लेकिन राज्य पुलिस के अधिकारी इस पर ध्यान ही नहीं देते. […]
रांची : आपराधिक गिरोहों के बीच होनेवाले गैंगवार को लेकर राज्य पुलिस कभी भी गंभीर नहीं रहती. गैंगवार में कई बार आम लोगों की जान भी खतरे में पड़ जाती है. अदालत जैसे सुरक्षित जगह की सुरक्षा पर भी खतरा पैदा हो जाता है, लेकिन राज्य पुलिस के अधिकारी इस पर ध्यान ही नहीं देते.
आपराधिक गिरोहों के बीच चल रहे विवाद को लेकर राज्य स्तर पर सीआइडी और स्पेशल ब्रांच भी शिथिल ही रहती है. यही कारण है कि गैंगवार की कोई भी सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं होती है. अपराधी अपने मंसूबे में सफल रहते हैं.
किशोर हत्याकांड में पुलिस ने कुछ नहीं किया
15 अक्तूबर 2014 को जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र में अपराधियों ने किशोर पांडेय की गोली मार कर हत्या कर दी. इस हत्याकांड में सुशील श्रीवास्तव और उसके साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी.
इसके बाद पुलिस ने मामले में ज्यादा अनुसंधान नहीं किया. यदि हजारीबाग पुलिस इस घटना के बाद दोनों गिरोहों के बीच चल रहे वर्चस्व की लड़ाई पर नजर रखती, तो यह पता लगाना मुश्किल काम नहीं था कि सुशील श्रीवास्तव पर भी हमला होगा, क्योंकि किशोर की हत्या के बाद विकास तिवारी ने सुशील गिरोह के लखन साव पर बड़कागांव में फायरिंग की थी.
मीनू पर गोली चलानेवाले नहीं पकड़े गये
भोला पांडेय की हत्या के बाद ही इस बात की आशंका जतायी जाने लगी थी कि किशोर पांडेय इस घटना का बदला लेगा, पर पुलिस अलर्ट नहीं हुई. किशोर पांडेय गिरोह के अपराधियों पर नजर नहीं रखा गया.
इस कारण किशोर पांडेय गिरोह के अपराधी सुशील श्रीवास्तव की पत्नी मीनू श्रीवास्तव पर फायरिंग करने में सफल रहे. मीनू श्रीवास्तव पर फायरिंग किसने की, यह अब तक नहीं पता चला. इस घटना के बाद से ही यह अंदेशा जताया जाने लगा था कि श्रीवास्तव गिरोह के अपराधी किशोर पांडेय से बदला जरूर लेंगे.
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