रांची : नमक के टेंडर और आपूर्ति में अनियमितता की जांच कर रही विधानसभा की विशेष कमेटी ने कई गड़बड़ी पकड़ी है. विधानसभा कमेटी का मानना है कि टेंडर में शर्तो का उल्लंघन कर काम दिया गया.
विभाग ने टेंडर के लिए जो शर्त तैयार की थी, उसके ही अनुरूप काम नहीं हुआ. नमक आपूर्ति के लिए श्री राम केन फूड प्राइवेट लिमिटेड को काम दिया गया. विधानसभा कमेटी ने सवाल उठाया है कि आपूर्तिकर्ता कंपनी के पास दो हजार एकड़ जमीन की अर्हता थी, जबकि श्री राम केन फूड ने निविदा प्रक्रिया के दौरान ही पांच अलग-अलग कंपनियों से साङोदारी कर जमीन का ब्योरा दिया.
विधानसभा कमेटी का कहना था कि टेंडर की एक शर्त में विभाग ने किसी भी ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से आपूर्ति या निविदा में भाग लेने पर पाबंदी लगायी थी, वहीं दूसरी जगह कंपनियों के बीच साङोदारी की बात भी कही गयी. एक साथ दोनों ही शर्त विरोधाभासी माना गया है.
विधानसभा कमेटी ने विभाग से पूछा है कि निविदा में भाग लेने वाली कंपनी चिंरय प्राइवेट लिमिटेड और विशाल केन प्राइवेट लिमिटेड ने एक वर्ष के लिए गारंटी की राशि भी नहीं जमा करायी, उसके बाद भी उसे तकनीकी बीड में पास किया गया. कमेटी का कहना था कि टेंडर में विभाग ने ही खुद शर्त रखी थी कि एक वर्ष के लिए 20 लाख रुपये बैंक गारंटी देना होगा. विशाल केन फूड लिमिटेड के तीन वर्ष के टर्न ओवर का मापदंड पूरा नहीं किया था.
विधानसभा कमेटी ने विभाग से 16 जून को आपत्ति पर जवाब मांगा है. 16 जून को ही सभी निविदाकर्ता को मौजूद होकर अपना पक्ष रखने को कहा है. गुरुवार को विधानसभा कमेटी की बैठक हुई. कमेटी ने टेंडर प्रक्रिया में हुए उल्लंघन के बाबत विभाग से पूरी जानकारी मांगी है.