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इस वर्ष खर्च होंगे 780 करोड़
जनजातीय विकास के लिए सरकार का निर्णय दीपक रांची : झारखंड में जनजातीय विकास के लिए सरकार 780 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनजातीय उप योजनावाले जिलों में यह राशि खर्च की जायेगी. इसमें राज्य सरकार की ओर से चलायी जा रही 474.91 करोड़ की ऑनगोइंग स्कीम शािमल […]
जनजातीय विकास के लिए सरकार का निर्णय
दीपक
रांची : झारखंड में जनजातीय विकास के लिए सरकार 780 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है. वित्तीय वर्ष 2015-16 में जनजातीय उप योजनावाले जिलों में यह राशि खर्च की जायेगी. इसमें राज्य सरकार की ओर से चलायी जा रही 474.91 करोड़ की ऑनगोइंग स्कीम शािमल हैं.
केंद्रीय सहायता के रूप में जनजातीय विकास कार्यक्रम के लिए 200 करोड़ रुपये मिलेंगे. केंद्र सरकार शत प्रतिशत अनुदान के तहत 92.33 करोड़ रुपये चालू वित्तीय वर्ष में झारखंड को उपलब्ध करायेगी. नयी योजनाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है. केंद्र ने अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए 34 करोड़ रुपये एमएसडीपी योजना के तहत दिये हैं. अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए 10 करोड़, अनुसूचित जनजाति संवर्ग के छात्रओं को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और उन्हें प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ लेने के लिए 18.05 करोड़ रुपये भी सरकार चालू वित्तीय वर्ष में खर्च करेगी.
छात्रावास के निर्माण में खर्च होंगे सात करोड़
चालू वित्तीय वर्ष में छात्रावास के निर्माण को लेकर सात करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये जायेंगे. अनुसूचित जनजाति के बालक और बालिकाओं के छात्रवास के निर्माण को लेकर 3.65 करोड़ दिये गये हैं. अनुसूचित जनजाति के युवतियों के लिए भी छात्रावास का निर्माण करने के लिए 3.72 करोड़ खर्च किये जायेंगे. ये सभी योजनाएं केंद्र के सहयोग से चलायी जायेंगी.
कौन-कौन से हैं जनजातीय उप योजनावाले जिले
झारखंड के 15 जिले जनजातीय उप योजनावाले जिलों में आते हैं. इसमें रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, दुमका, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, साहेबगंज, पाकुड़, जामताड़ा, लातेहार, पलामू जिले का सतबरवा (राबदा और बकोरिया पंचायत), गढ़वा जिले का भंडरिया प्रखंड और गोड्डा जिले का सुंदरपहाड़ी और बोआरीजोर प्रखंड शामिल हैं.
स्टेट प्लान से खर्च होंगे 389.21 करोड
राज्य सरकार इस वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए 389.21 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए कुल 44 योजनाएं ली गयी हैं.
इसमें मसना-हड़गड़ी स्थलों के बाउंड्री वाल का निर्माण, मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना, आवासीय विद्यालयों में स्कूल बैग की उपलब्धता, आवासीय विद्यालयों को प्लस 2 स्कूल में अपग्रेड करने, लाह विकास की योजना, एकलव्य विद्यालयों का रख-रखाव, बिरसा मुंडा उलिहातू प्राथमिक विद्यालय का रख-रखाव, छात्रावास का जीर्णोद्धार, जनजातीय कला का विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों का रख-रखाव, परीक्षा शुल्क का भुगतान, प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप, आवासीय विद्यालयों में विद्युत तड़ित चालक की स्थापना, कानूनी सहायता, आयुर्वेदिक केंद्रों में औषधि की उपलब्धता जैसी योजनाएं राज्य सरकार स्टेट प्लान से ली जायेगी.
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