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संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करें राज्यपाल : वृंदा करात
रांची : माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि राज्य में आदिवासी महिला को राज्यपाल बनाना अच्छी बात है. अब राज्यपाल के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. झारखंड पांचवी अनुसूची वाले राज्यों में है. इसमें तय प्रावधानों की रक्षा की जिम्मेदारी राज्यपाल की होती है. माकपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिल कर आग्रह […]
रांची : माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि राज्य में आदिवासी महिला को राज्यपाल बनाना अच्छी बात है. अब राज्यपाल के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. झारखंड पांचवी अनुसूची वाले राज्यों में है. इसमें तय प्रावधानों की रक्षा की जिम्मेदारी राज्यपाल की होती है.
माकपा का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिल कर आग्रह करेगा कि संवैधानिक प्रावधानों की रक्षा की जाये. बुधवार को राजधानी में आयोजित प्रेस वार्ता में श्रीमती करात ने कहा कि राज्य में पांचवी अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है.
बिना ग्राम सभा की अनुमति के उद्योगों के लिए भूमि दी जा रही है. महामहिम को इन तमाम सवालों से अवगत कराया जायेगा. महामहिम की जिम्मेदारी संविधान के रक्षा की है, कॉरपोरेट की रक्षा की नहीं.
श्रीमती करात ने कहा कि मोदी सरकार के एक साल पूरे हो गये. इस दौरान उसने जनता को किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया. मोदी सरकार भी यूपीए के तय रास्ते पर चल रही है. महंगाई घटने का नाम नहीं ले रही है. पिछले एक माह में डीजल और पेट्रोल की कीमत करीब सात रुपये बढ़ी है. मोदी मजदूर विरोधी प्रस्तावों के लिए पार्लियामेंट के अधिकार को समाप्त करने पर लगे हैं.
विदेशी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर श्रीमती करात ने कहा क्या जब पीएम नहीं थे, तो भारतीय होने पर शर्म आती थी. पूरे देश में मोदी के इस बयान का विरोध हो रहा है. किसी प्रधानमंत्री से इतने नीचे स्तर के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती है.
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