एजेंसियां, श्रीनगरपर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली शुरू की है जिसके तहत घाटी में हिंदी फिल्मों की शूटिंग के वास्ते सात दिनों के भीतर अनुमति दे दी जायेगी.जम्मू कश्मीर सरकार में पर्यटन के आयुक्त सचिव शैलेंद्र कुमार ने इस बारे में बताया, हम लोगों ने कश्मीर में शूटिंग के लिए एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था तैयार की है. यह आवेदनों पर सात दिनों के भीतर अपनी मंजूरी प्रदान कर देगी. 1990 में आतंकवाद भड़कने से पहले हिंदी फिल्मों के लिए कश्मीर पसंदीदा आउटडोर शूटिंग स्थल था. मशहूर निर्माता यश चोपड़ा ने शाहरुख खान अभिनीत अपनी अंतिम निर्देशित फिल्म ‘जब तक है जान’ की शूटिंग घाटी में की थी जिसके बाद एक बार फिर कश्मीर निर्माताओं का पंसदीदा स्थान बन कर उभरा है.शेक्सपियर की ‘हेलमेट’ की पृष्ठभूमि पर विशाल भारद्वाज द्वारा बनायी गयी फिल्म ‘हैदर’ की पूरी शूटिंग कश्मीर में हुयी थी जबकि सलमान खान के अभिनय से सजी ‘बजरंगी भाईजान’ फिल्म की शूटिंग घाटी में हो रही है. कुमार ने बताया कि राज्य मेें, विशेषकर कश्मीर में अधिक से अधिक हिंदी फिल्मों की शूटिंग हो रही है जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिल सकेगा. उन्होंने बताया, पहलगाम ‘बेताब’ (सन्नी देओल की पहली फिल्म) की शूटिंग से पहले भी मशहूर था लेकिन पर्यटक केवल एक विशेष स्थान पर जाते हैं. उन्होंने बताया कि फिल्म के बाद हमने ‘बेताब’ घाटी बनायी और पर्यटक अब वहां जाना चाहते हैं.
घाटी में फिल्मों की शूटिंग के लिए अब सात दिनों में मंजूरी
एजेंसियां, श्रीनगरपर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली शुरू की है जिसके तहत घाटी में हिंदी फिल्मों की शूटिंग के वास्ते सात दिनों के भीतर अनुमति दे दी जायेगी.जम्मू कश्मीर सरकार में पर्यटन के आयुक्त सचिव शैलेंद्र कुमार ने इस बारे में बताया, हम लोगों ने कश्मीर में […]
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