एजेंसियां, नयी दिल्ली पेड़ों को बचाने और लागत को कम करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय इस अकादमिक सत्र से अपने प्रॉस्पेक्ट्स (विवरणिका) की छपाई बंद कर सकता है. अपने 75 से अधिक कॉलेजों में संचालित विभिन्न अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में 54,000 छात्रों को हर साल प्रवेश देने वाला डीयू हर साल 2.5 लाख से ज्यादा प्रॉस्पेक्ट्स बेचता है. प्रवेश समिति के एक सदस्य ने बताया, ‘100 रुपये की कीमत वाला यह प्रॉस्पेक्ट्स विश्वविद्यालय की प्रेस में छपता था. हालांकि, इस साल यह सिफारिश की गयी है कि प्रॉस्पेक्ट्स न छापा जाये. इस तरह विश्वविद्यालय छपाई पर लगनेवाला धन बचा सकेगा.’ डीयू के प्रॉस्पेक्ट्स को इसकी वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकेगा. यह तरीका जामिया मिलिया इसलामिया द्वारा पहले ही अपनाया जा चुका है. उसका दावा है कि ऐसा करके उसने छपाई पर आनेवाले लाखों रुपये के खर्च को बचा लिया है. इससे पहले तक डीयू केंद्रीयकृत ओएमआर फॉर्म के साथ प्रॉस्पेक्ट्स बेचा करता था, लेकिन ऑनलाइन पंजीकरण के मामले में फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जाता था. कॉलेज अपने अलग प्रॉस्पेक्ट्स बेचते थे, जिनकी कीमत 100 से 250 रुपये के बीच होती थी.
इस सत्र से नहीं छपेगा डीयू का प्रॉस्पेक्ट्स
एजेंसियां, नयी दिल्ली पेड़ों को बचाने और लागत को कम करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय इस अकादमिक सत्र से अपने प्रॉस्पेक्ट्स (विवरणिका) की छपाई बंद कर सकता है. अपने 75 से अधिक कॉलेजों में संचालित विभिन्न अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में 54,000 छात्रों को हर साल प्रवेश देने वाला डीयू हर साल 2.5 […]
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