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पंचायतों में मुखिया ही सरकार

रांची: पंचायती राज विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि पंचायतों में मुखिया ही सरकार है. यदि गांव, प्रखंड, जिलों को बदलना है, तो विकास की योजनाएं निचले स्तर से तैयार करनी होगी. पंचायतों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता व समाज कल्याण विभाग के अधिकार दिये गये हैं. अन्य विभागों के अधिकार देने […]

रांची: पंचायती राज विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि पंचायतों में मुखिया ही सरकार है. यदि गांव, प्रखंड, जिलों को बदलना है, तो विकास की योजनाएं निचले स्तर से तैयार करनी होगी. पंचायतों को शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सहकारिता व समाज कल्याण विभाग के अधिकार दिये गये हैं. अन्य विभागों के अधिकार देने की दिशा में भी कार्य चल रहा है.

ग्राम सभा सशक्त होगी, तो पदाधिकारियों द्वारा गड़बड़ियां करने की आशंका भी कम रहेगी. यदि गांव के लोग चुप रहेंगे, तो फरजी योजनाएं बनती रहेंगी और गांव का सही विकास नहीं होगा. वे बुधवार को विकास भारती बिशुनपुर की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय गांव सरकार संवाद में बोल रहे थे. आयोजन बरियातू स्थित आरोग्य भवन में किया गया. संचालन निखिलेश मैती ने किया.

दो तरह की ग्राम सभाएं
श्री एक्का ने बताया कि राज्य में दो तरह की ग्राम सभाएं हैं. अधिसूचित क्षेत्रों में पेसा के तहत पारंपरिक स्वशासन के अगुवों के नेतृत्व में व गैर अधिसूचित क्षेत्रों में मुखिया के नेतृत्व में बैठक होती है. गैर अधिसूचित क्षेत्रों में गांव के वयस्क सदस्य विकास के लिए मुखिया के बिना भी वयस्क सदस्य योजना बना सकते हैं. पंचायत समितियां तीन चार महीने में पंचायती राज अधिनियम में दिये गये 29 विषयों से जुड़ी विकास योजनाएं बना लें. संवाद में राज्य के सभी जिलों से आये मुखिया व जन प्रतिनिधि मौजूद थे.

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