बिजली-पानी घर-घर की जरूरत है. पर, हाल के दिनों में राजधानी की बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. कई मुहल्लों में घंटों बिजली नहीं रहती. इससे लोगों की दिनचर्चा पूरी तरह गड़बड़ा गयी है. आजकल के बच्चे बगैर बिजली के नहीं पढ़ते. वहीं, शहर में हो रही अनियमित जलापूर्ति से कई मुहल्लों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. कुएं सूख गये हैं. डोरंडा, रातू रोड, धुर्वा जैसे कई इलाकों में एक बाल्टी पानी जुगाड़ करने के लिए लोगों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है. अब शहर के लोगों का धैर्य टूट रहा है. बुधवार को भी कई मुहल्लों में लोग बिजली-पानी की समस्या को लेकर रोड पर उतरे, प्रदर्शन किया और अफसरों को कोसा.
रांची: पिस्कामोड़ और इटकी रोड के कई मुहल्लों में पिछले दो दिनों से बिजली नहीं है. न ही जलापूर्ति हो रही है. बुधवार की रात विभिन्न मुहल्लों के आक्रोशित लोगों ने डेढ़ घंटे पिस्कामोड़ के समीप रोड जाम कर दिया. गुस्साये लोग बिजली विभाग के अधिकारी को बरखास्त करने और 24 घंटे के अंदर निर्बाध बिजली-पानी बहाल करने की मांग कर रहे थे.
इस दौरान इटकी रोड,पंडरा और रातू रोड में वाहनों की लंबी लाइन कतार लग गयी. बाद में पुलिस और बिजली विभाग के अधिकारी पहुंचे और उन्हें उनकी समस्याओं को हल करने का आश्वासन दिया, तब जाम हटा. जाम की सूचना पर कोतवाली डीएसपी, पंडरा और सुखदेवनगर थाना की पुलिस भी जाम स्थल पर पहुंची. जाम बुधवार रात पौने आठ बजे से रात 9.15 बजे तक रहा.
लोगों ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में भी यहां की जनता बिजली-पानी जैसी बुनियादी जरूरी चीजों के लिए तरस रही है. इधर, अधिकारी एसी कार्यालय में बैठ कर केवल मीटिंग कर रहे हैं. रांची की जनता इसे सहन नहीं करेगी.
जाम में इटकी रोड, पिस्कामोड़, बैंक कॉलोनी, हेहल की महिला और पुरूष शामिल थी. इधर भाजपा नेता संजय सेठ ने कहा कि 24 घंटे के अंदर बिजली पानी में सुधार नहीं हुआ, तो भाजपा हर चौक-चौराहे को जाम कर देगी. उन्होंने राज्यपाल से मांग की वे स्वयं हर मुहल्ले में घूम कर देखें कि लोगों की क्या स्थिति है. समाचार लिखे जाने तक (रात 10.30 बजे) इन मुहल्लों में बिजली बहाल नहीं हुई थी.