नयी दिल्ली : ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने वाणिज्यिक बैंकों को हिदायत दी है कि वे ग्राहकों के लिए इएमवी (यूरो पे मास्टर कार्ड वीजा) चिप आधारित और पिन (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) आधारित डेबिट और क्र ेडिट कार्ड जारी करें. बैंकों को सितंबर से यह व्यवस्था अपनानी होगी. हालांकि कुछ बैंक इएमवी चिप और पिन कार्ड व्यवस्था की ओर कदम बढ़ा चुके हैं, लेकिन भारी तादाद में बैंक अभी भी मैग्नेटिक स्ट्रिप कार्ड व्यवस्था को ही अपनाये हुए हैं.आरबीआइ के सुझाव : रिजर्व बैंक की एक अधिसूचना के अनुसार सभी बैंकों से कहा गया है कि वे एक सितंबर, 2015 से ऐसे घरेलू व अंतरराष्ट्रीय डेबिट और क्र ेडिट कार्ड जारी करें, जिसमें इएमवी चिप व पिन आधार हो. नहीं बदलेंगे पुराने कार्ड : इस नोटिफिकेशन में यह भी कहा गया है कि मौजूदा मैगनेटिक स्ट्रप्सि वाले डेबिट और क्र ेडिट कार्ड्स को बदलने पर स्टेकहोल्डर्स से चर्चा करने के लिए माइग्रेशन प्लान तैयार किया जायेगा और तब ही यह तय किया जायेगा कि इसको कब बदलना है.इएमवी चिप कार्ड का लाभ : धोखाधड़ी के लिए इस कार्ड की नकल नहीं की जा सकेगी. इएमवी चिप कार्ड और पिन कार्ड के चोरी होने या खो जाने की स्थिति में फ्रॉड होने से भी बचायेगा. यह कार्ड मौजूदा कार्ड से कई गुना ज्यादा सुरक्षित होंगे.
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सितंबर से केवल चिप, पिन वाले डेबिट व क्रेडिट कार्ड
नयी दिल्ली : ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने वाणिज्यिक बैंकों को हिदायत दी है कि वे ग्राहकों के लिए इएमवी (यूरो पे मास्टर कार्ड वीजा) चिप आधारित और पिन (पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर) आधारित डेबिट और क्र ेडिट कार्ड जारी करें. बैंकों को सितंबर से यह व्यवस्था अपनानी होगी. […]
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