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मनी लॉउंड्रिंग मामला : झामुमो विधायक सीता सोरेन पर एफआइआर, इडी ने लगाया आरोप

शकील अख्तर रांची : प्रवर्तन निदेशालय(इडी) ने गुरुवार को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में झामुमो विधायक सीता सोरेन सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की. दिल्ली में इडी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद यह फैसला किया गया. राज्यसभा चुनाव 2012 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग से जुड़े विभिन्न मामलों में सीता सोरेन के […]

शकील अख्तर
रांची : प्रवर्तन निदेशालय(इडी) ने गुरुवार को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में झामुमो विधायक सीता सोरेन सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की. दिल्ली में इडी के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद यह फैसला किया गया. राज्यसभा चुनाव 2012 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग से जुड़े विभिन्न मामलों में सीता सोरेन के विरुद्ध दर्ज की जानेवाली यह तीसरी प्राथमिकी है.
नयी प्राथमिकी में सीता सोरेन के साथ ही उनके पिता बोधनाथ माझी, आप्त सचिव राजेंद्र मंडल, निर्दलीय प्रत्याशी आरके अग्रवाल, पवन धूत और धूत के सहयोगी सुनील माहेश्वरी को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.
सीता के अन्य कार्यों की भी जांच करेगा : विधायक सीता सोरेन पर राज्यसभा चुनाव के दौरान नाजायज तरीके से 1.50 करोड़ रुपये कमाने और उसे जायज करार देने के लिए अलग- अलग हथकंडा अपनाने का आरोप लगाया गया है. विधायक रहने की अवधि में अपने पद का दुरुपयोग करने, नाजायज तरीके से पैसा कमाने और उसे जायज करार देने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपनाने का भी आरोप है.
सीबीआइ ने भी हॉर्स ट्रेडिंग 2012 में इन्हीं अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया था. पर, सीबीआइ ने हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में सिर्फ हॉर्स ट्रेडिंग के बिंदु की ही जांच की थी. इडी हॉर्स ट्रेडिंग के अलावा विधायक के रूप में किये गये कार्यों की भी जांच करेगा.
केंद्रीय जांच एजेंसियों के बीच भ्रष्टाचारियों के निबटने के लिए बनी सहयोग की रणनीति के तहत जांच एजेंसियां आरोप पत्र दायर करने के बाद इससे संबंधित दस्तावेज दूसरी केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेजती है. उनसे अनुरोध करती है कि आरोपियों के विरुद्ध उनके क्षेत्रधिकार के तहत कोई अपराध बनता है, तो वे भी अपने स्तर से कार्रवाई करें. इसी नीति के तहत सीबीआइ ने हॉर्स ट्रेडिंग 2012 में आरोप पत्र दायर करने के बाद दिसंबर 2013 में आरोप पत्र की एक प्रति प्रवर्तन निदेशालय को भेजी थी. साथ ही इस मामले में अपने स्तर से भी कार्रवाई करने का अनुरोध किया था.
इडी ने पर्याप्त साक्ष्य पाया : इडी ने सीबीआइ द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज की जांच पड़ताल के बाद में अभियुक्तों के खिलाफ मनी लॉउंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य पाया. मामले को इडी के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष पेश किया गया. दिल्ली में 29 अप्रैल को उच्चधिकारियों की बैठक में सीता सोरेन सहित छह अभियुक्तों के विरुद्ध मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला किया गया. 30 अप्रैल को इडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में विधायक सीता सोरेन के विरुद्ध दर्ज कर ली.
जेल भी जा चुकी है सीता सोरेन : सीता सोरेन के विरुद्ध इससे पहले हॉर्स ट्रेडिंग के और इस मामले में सीबीआइ गवाह शंटी पांडेय के अपहरण के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. सीता सोरेन इन दोनों मामलों में न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रही हैं. हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में जेल भी जा चुकी हैं.
राज्यसभा चुनाव 2012 में हॉर्स ट्रेडिंग का मामला
सीता पर तीसरी प्राथमिकी
– चुनाव में गलत तरीके से 1.50 करोड़ रुपये कमाया
– इसे जायज करार देने के लिए अलग-अलग हथकंडा अपनाया
– विधायक रहते पद का दुरुपयोग किया, नाजायज पैसा कमाया
ये पांच भी नामजद अभियुक्त
1. बोधनाथ माझी (सीता सोरेन के पिता) 2. राजेंद्र मंडल (सीता सोरेन के आप्त सचिव) 3. आरके अग्रवाल (निर्दलीय प्रत्याशी) 4. पवन धूत 5. सुनील माहेश्वरी (धूत के सहयोगी)

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