सर्दियों की तरह गर्मियां भी मौसमी बीमारियों के साथ आती हैं. गरमी में होने वाली बीमारियां गरमी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉयजनिंग आम हैं. अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि हीट एग्जॉशन गर्मी की एक साधारण बीमारी है जिसके दौरान शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक होता है. ऐसे में चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सिर दर्द और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण हैं. इसका इलाज तुरंत ठंडक देना और पानी पीकर पानी की कमी दूर करना है. अगर हीट एग्जॉशन का इलाज तुरंत न किया जाये तो हीट-स्ट्रोक हो सकता है, जो कि जानलेवा भी साबित हो सकता है. फूड पॉयजनिंग भी गर्मियों में आम तौर पर हो जाती है. गर्मियों में अगर खाना साफ-सुथरे माहौल में न बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो सकता है. अत्यधिक तापमान की वजह से खाने में बैक्टिरिया बहुत तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉयजनिंग हो जाती है. फूड पॉयजनिंग से बचने के लिए बाहर जाते वक्त हमेशा अपना पीने का पानी घर से ले के चलें. बाहर खुले में बिक रहे कटे हुए फल आ अन्य दूसरी चीजें खाने से परहेज करें.
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सावधानी बरतें, तो बीमारियों से बचा जा सकता है
सर्दियों की तरह गर्मियां भी मौसमी बीमारियों के साथ आती हैं. गरमी में होने वाली बीमारियां गरमी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉयजनिंग आम हैं. अगर हम कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि हीट एग्जॉशन गर्मी की एक साधारण बीमारी है जिसके दौरान […]
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