गर्भधारण से पूर्व डायबिटीज की जांच जरूरीरांची. रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग में डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ नीरज कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि डायबिटीज के लिए मोटापा खतरे का कारक है. शरीर में इन्सुलीन नष्ट होने से यह रोग होता है. इसे नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता. डायबिटीज के तीन लक्षणों को ध्यान में रखना आवश्यक है. यदि पेशाब बहुत अधिक आ रहा हो, भूख बढ़ गयी हो तथा प्यास अधिक लगती है तो जरूरी है कि डायबिटीज की जांच करा ली जाये. चालीस की उम्र के बाद महीना में एक बार खून और पेशाब की जांच करानी चाहिए. तनाव के कारण भी रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. डायबिटीज होने पर सबसे पहले चिकित्सक से मिल कर दवाई लें. इसके बाद खान-पान नियंत्रित करें तथा नियमित रूप में प्रतिदिन आधे घंटे तक चहलकदमी जरूर करें. महिलाएं गर्भधारण से पहले डायबिटीज की जांच अवश्य करा लें. डायबिटीज पीडि़त महिलाएं गर्भधारण से पहले इसकी जांच कर चिकित्सीय परामर्श से ही दवाई लें. दवाई लेने में कोई कोताही ना करें. इससे गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है. बच्चों में भी डायबिटीज की समस्या देखी जा रही है. ऐसे में बच्चों के खान-पान पर नियंत्रण रखें. उन्हें शारीरिक काम करने के लिए प्रोत्साहित करें. डॉक्टर से मिलने का पता : डॉ नीरज कुमार , हेल्थ चेक क्लिनिक, नेशनल पब्लिक स्कूल के सामने, हिनू, रांची, दूरभाष : 093350003
26 अप्रैल ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग
गर्भधारण से पूर्व डायबिटीज की जांच जरूरीरांची. रविवार को प्रभात खबर कार्यालय में आयोजित ऑनलाइन हेल्थ काउंसलिंग में डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ नीरज कुमार ने पाठकों के सवालों के जवाब दिये. उन्होंने बताया कि डायबिटीज के लिए मोटापा खतरे का कारक है. शरीर में इन्सुलीन नष्ट होने से यह रोग होता है. इसे नियंत्रित किया जा […]
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