रांची. राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति का काम निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने इस बारे में सभी नगर निकायों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि निकाय जलापूर्ति के निर्माण एवं संचालन का काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (जन निजी भागीदार) से करने की सहमति 15 दिनों के अंदर संसूचित की जानी चाहिए. सूचना नहीं मिलने की स्थिति में मान लिया जायेगा कि निकाय सहमत हैं. पत्र में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में वर्ष 2017 तक सभी घरों को पाइप की जलापूर्ति योजना से जोड़ने का लक्ष्य है. वर्तमान में शहरों के केवल 41.6 फीसदी घरों में ही पाइप लाइन से जलापूर्ति की जाती है. जबकि देश के अन्य शहरों में यह औसत 71 फीसदी है. सरकार द्वारा जलापूर्ति योजना के संचालन के क्रम में अनुभव किया गया कि आधारभूत संरचनाओं का बेहतर उपयोग एवं रख-रखाव एक गंभीर समस्या है. प्रशिक्षित एवं कुशल मानव बल की कमी के कारण संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है. इससे आने वाले समय में इस पर और भी अधिक व्यय होने की संभावना है. इन तथ्यों के मद्देनजर जलापूर्ति से संबंधित योजनाओं के निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव के लिए पीपीपी मोड पर काम करने की जरूरत है. पेयजलापूर्ति में निजी भागीदार से नई योजनाओं के निर्माण, उनके संचालन और संरचनाओं के रख-रखाव में निजी भागीदार अपनी धनराशि लगायेगा और व्यवस्था में सुधार का काम भी करेगा.
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शहरों में जलापूर्ति व्यव्स्था निजी हाथों में देने की तैयारी
रांची. राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति का काम निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है. नगर विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने इस बारे में सभी नगर निकायों को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा है कि निकाय जलापूर्ति के निर्माण एवं संचालन का काम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (जन निजी भागीदार) […]
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