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आदिवासी व गैर आदिवासी में भेदभाव खत्म हो

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 से 16 तक में प्रत्येक नागरिकों के अधिकार का जिक्र किया गया है. भारत की नागरिकता एक है. इस ढांचे में दो प्रकार की नागरिकता नहीं हो सकती है. झारखंड […]

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा
रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 से 16 तक में प्रत्येक नागरिकों के अधिकार का जिक्र किया गया है. भारत की नागरिकता एक है. इस ढांचे में दो प्रकार की नागरिकता नहीं हो सकती है. झारखंड अलग होने से पूर्व बिहार का अभिन्न अंग था.
यहां पर आदिवासी और गैरआदिवासी का भेद समाप्त होना चाहिए. बिहार सरकार की ओर से तय की गयी स्थानीयता को झारखंड सरकार को अंगीकृत करना चाहिए. हालांकि सरकार तृतीय और चतरुथ वर्ग की नौकरी में स्थानीय को प्राथमिकता दे सकती है. डॉ मिश्र चारा घोटाले के मामले में जमानत पर छूटने के बाद रांची में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि स्थानीयता को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिल कर एक पत्र सौंपा गया है. स्थानीयता पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वह एकीकृत बिहार में तीन बार मुख्यमंत्री बने. इस दौरान आदिवासी बहुल सभी इलाकों का दौरा किया और उनके लिए योजनाएं बनायी. झारखंड सरकार को आदिवासी बहुल 111 प्रखंड में सब प्लान बना कर राशि खर्च करनी चाहिए.
सिद्धांत विहीन है जनता परिवार का विलय: डॉ मिश्र ने बिहार में राजद, जदयू समेत अन्य दलों का जनता परिवार में हो रहे विलय को सिद्धांत विहीन बताया. जनता परिवार में ऐसे दलों का विलय हो रहा है, जिनकी राजनीति एक दूसरे के खिलाफ रही है. बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी लोकसभा चुनाव की तरह ही परिणामआ सकते हैं.
मोदी व रघुवर की सराहना
डॉ मिश्र ने केंद्र में नरेंद्र मोदी और झारखंड में रघुवर सरकार की सराहना की. दोनों जगह की सरकार विकास को लेकर काम कर रही है. श्री मिश्र ने केंद्र सरकार द्वारा लाये गये भूमि अधिग्रहण बिल की सराहना की. कहा कि सोनिया गांधी और राजीव गांधी की नीतियों के कारण कांग्रेस पार्टी का यह हाल हुआ है. पार्टी को पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के आदर्शो पर चलना होगा.

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