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जमीन लूटने की हो रही साजिश : बाबूलाल
संयुक्त मोरचा का कन्वेंशन, बोले बाबूलाल रांची : झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और झाविमो के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश ग्राम सभाओं की भूमिका पर हमला बोलता है़ यह आदिवासी और दलित किसानों की जमीन के लूटने की साजिश है. श्री मरांडी बुधवार को राजभवन के समक्ष भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश 2014 और […]
संयुक्त मोरचा का कन्वेंशन, बोले बाबूलाल
रांची : झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और झाविमो के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश ग्राम सभाओं की भूमिका पर हमला बोलता है़ यह आदिवासी और दलित किसानों की जमीन के लूटने की साजिश है. श्री मरांडी बुधवार को राजभवन के समक्ष भूमि-अधिग्रहण अध्यादेश 2014 और विधेयक-2015 के विरोध में वामदलों, सभी विपक्षी दलों, सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन, स्वतंत्र पत्रकार, बुद्घिजीवी और किसानों की ओर आयोजित कन्वेंशन में बोल रहे थे. इसकी अध्यक्षता भाकपा के पूर्व राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने की.
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड के खनिज व वन संपदा के साथ जमीन पर भी पूंजीपतियों की नजर गड़ी हुई है. पूरे देश में इस कानून का विरोध हो रहा है़ इसका विरोध नहीं हुआ, तो गांव-गांव उजड़ जायेंग़े जमीन के बदले जमीन मिलनी चाहिए और उपयोगिता के आधार पर मुआवजा़
गरीबों की आजीविका पर हमला : मेहता
भाकपा के श्री मेहता ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून-2013 में संशोधन के लिए 2014 में अध्यादेश लाया गया, जो किसानों, आदिवासियों और अपनी आजीविका के लिए जमीन पर निर्भर अन्य लोगों पर बड़ा हमला है़
उन्होंने कहा कि बहुत संघर्ष के बाद 1894 का कानून निरस्त हुआ और 2013 में नया कानून व्यापक विचार-विमर्श के बाद पारित हुआ़ 2013 के कानून की विषेशता थी, जमीन अधिग्रहण से पूर्व जमीन के मालिक या रैयतों की सहमति आवश्यक होगी. उन्होंने चार मई को झारखंड बंद प्रस्ताव रखा. इसे सभी ने स्वीकार किया. इससे पूर्व सभी प्रमंडलों में कंवेंशन का आयोजन होगा.
संघर्ष से रोकना होगा अध्यादेश : बख्शी
माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी ने कहा कि संघर्षो की बुनियाद पर अध्यादेश को रोकना होगा़ राज्यसभा से विधेयक पास ना हो, इसके लिए बड़ा आंदोलन चलाना होगा़ फादर स्टेन स्वामी ने कहा कि यह अध्यादेश अधिग्रहण का नहीं, विस्थापन का अध्यादेश है.
लूटने और मजदूर बनाने का अध्यादेश है. जमैक की एलिस चेरोवा ने कहा कि यह अध्यादेश आदिवासियों को और गरीब बनानेवाला है. समाजवादी पार्टी के मनोहर यादव ने कहा कि यह देश और समाज को खत्म करनेवाला अध्यादेश होगा और हर हाल में इसे रोकना होगा़ वासवी किड़ो ने कहा कि झारखंड अधिग्रहण और विस्थापन का शिकार होते रहा है़ इसलिए पुरखों को जमीन-जंगल बचाने के लिए लड़ना पड़ा था़ आज हम सब को मिल कर लड़ना होगा़
प्रस्ताव का समर्थन सुखमनी तिग्गा, रामचंद्र ठाकुर, राजेंद्र यादव अरुण प्रधान, सिद्धेश्वर सिंह, इंद्रमणी, खगेंद्र ठाकुर, केडी सिंह, महेंद्र पाठक, प्रफुल्ल लिंडा, केएन पंडित, रामेश्वर कुशवाहा, शंभु महतो, उमेश नजीर, अजय कुमार सिंह, सच्चिदानंद मिश्र, चंद्रिका राम, केवला उरांव, परशुराम सिंह, बनवारी साव, पीके पांडेय, बीएन ओहदार, ललन मिश्र ने किया.
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