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जेपी आंदोलनकारियों को सम्मान दिलायेगी सरकार

व्यवस्था नहीं बदली लेकिन, व्यक्तिगत परिवर्तन हुए: सीपी सिंह रांची : चौहत्तर चेतना मंच व जेपी विचार मंच की ओर से बुधवार को वनवासी कल्याण केंद्र सभागार में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जेपी आंदोलन की प्रासंगिकता’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने 1974 में हुए जेपी आंदोलन की धारा एवं मूल्यों को […]

व्यवस्था नहीं बदली लेकिन, व्यक्तिगत परिवर्तन हुए: सीपी सिंह
रांची : चौहत्तर चेतना मंच व जेपी विचार मंच की ओर से बुधवार को वनवासी कल्याण केंद्र सभागार में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जेपी आंदोलन की प्रासंगिकता’ विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने 1974 में हुए जेपी आंदोलन की धारा एवं मूल्यों को झारखंड के सक्रिय लोगों के सहयोग से आगे बढ़ाने की बात कही. साथ ही सशक्त लोकायुक्त कानून बनाने व जेपी आंदोलन में शामिल आंदोलनकारियों को सम्मान व पेंशन देने पर बल दिया गया.
परिचर्चा के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा कि जेपी आंदोलनकारियों को सम्मान दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जायेगा. राज्य सरकार ने इस संदर्भ में घोषणा भी कर दी है. मेरे संज्ञान में भी आया है. इसमें मेरा पूरा सहयोग रहेगा.
आंदोलनकारियों की बातों को उचित माध्यम से रखने का प्रयास किया जायेगा. जेपी आंदोलन में सक्रिय सदस्य के रूप में रहे विधायक सह मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि जेपी आंदोलन देश में व्यवस्था परिवर्तन को लेकर था, न कि व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए. भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक आवाज थी, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि आज व्यवस्था तो नहीं बदली. पर व्यक्तिगत परिवर्तन जरूर हो गये. आज हम सभी इस व्यवस्था के अंग हैं. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जेपी आंदोलन में शामिल आंदोलनकारियों को सम्मान दिया जा रहा है. यहां भी सम्मान मिलना चाहिए. पेंशन महत्वपूर्ण नहीं है.
वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा ने कहा कि जेपी आंदोलनकारियों ने देश के लिए कुर्बानियां दीं. पढ़ाई छोड़ पुलिस की लाठियां खायीं. आपातकाल में भी आंदोलन को आगे बढ़ाने की चुनौतियों पर खरे उतरे. सत्ता में शामिल लोगों को इन बातों को ध्यान रखना चाहिए.
पूर्व विधायक गौतम सागर राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जेपी आंदोलनकारियों को सम्मान वे पेंशन देने की जो बात कही है, वो टालने वाली बात है. अगर देना है तो टीआइआर व मीसा की सूची में जो आंदोलनकारी चिह्न्ति हैं, उन्हे पेंशन लागू करें. उन्होंने कहा कि जेपी आंदोलनकारियों को झारखंड आंदोलनकारियों से न जोड़ा जाये.
कार्यक्रम का संचालन चौहत्तर चेतना मंच के अध्यक्ष प्रमोद मिश्र व जेपी विचार मंच के अध्यक्ष सत्येंद्र कुमार मल्लिक ने किया. मौके पर उप महापौर संजीव विजयवर्गीय, आरएके वर्मा, सुबोध साहा, प्रेम मित्तल, अजरुन यादव, विजय सोनी, धनंजय महतो, पारस पोद्दार, अवधेश मंडल, आदित्य चौबे, अनिरुद्ध मान, बाबू लाल पंडित समेत 500 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

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