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…तो ले लेंगे समर्थन वापस : शाह

इस मामले में उठे विवाद के बीच जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें आलम की रिहाई को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर राज्य के हालात से अवगत कराया. उन्होंने शाह को सईद को इस बाबत सौंपे गये ज्ञापन के बारे में […]

इस मामले में उठे विवाद के बीच जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें आलम की रिहाई को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर राज्य के हालात से अवगत कराया. उन्होंने शाह को सईद को इस बाबत सौंपे गये ज्ञापन के बारे में भी बताया. सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद को संदेश दिया किया कि अगर और किसी उग्रवादी या राजनीतिक बंदी को छोड़ा गया तो भाजपा सईद सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेगी. उन्होंने कहा, देश की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है.और नहीं रिहा होंगे उग्रवादी, राजनीतिक बंदीइस बीच, जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा कि वह अब और राजनीतिक बंदियों या उग्रवादियों को रिहा नहीं करेगी. जब जम्मू कश्मीर के गृह सचिव सुरेश कुमार से पूछा गया कि क्या सरकार और भी उग्रवादियों तथा राजनीतिक बंदियों की रिहाई जारी रखेगी तो उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कोई बात नहीं है. कुमार ने कहा, मसरत आलम के खिलाफ लोक सुरक्षा कानून के तहत दोबारा कोई मामला नहीं बनता, इसलिए उसे रिहा किया गया. इसके अलावा और कुछ नहीं है. आलम की रिहाई के फैसले का बचाव करते हुए गृह सचिव ने कहा, किसी को पीएसए के तहत हिरासत में रखने की सीमा होती है. आप उसे ज्यादा से ज्यादा छह महीने तक हिरासत में रख सकते हैं और एक बार और रख सकते हैं. उन्होंने कहा, उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार आप किसी को समान आरोप में बार-बार हिरासत में नहीं रख सकते. अगर आपने ऐसा किया है तो उसके खिलाफ नये आरोप होने चाहिए.

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