श्रीनगर. अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को रिहा करने के फैसले पर गंठबंधन सरकार में सहयोगी भाजपा की आलोचना को तवज्जो नहीं देते हुए पीडीपी ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए सभी पक्षों को शामिल करना दोनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है. पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा, ‘इस रिहाई को उचित परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है. राज्य में सुलह और शांति के लिए राज्य के तथा नियंत्रण रेखा के पार के सभी पक्षों को शामिल करने के हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर आप सभी पक्षों के साथ बातचीत करना चाहते हैं, जिनमें ये नेता भी शामिल हों, तो आप उनके खिलाफ कुछ पुख्ता नहीं होने के बाद भी जेल में रखते हुए उन्हें शामिल नहीं कर सकते.’ अख्तर ने कहा कि कुछ नेताओं की हिरासत पर अदालतों ने हस्तक्षेप किया था और उन्हें रिहा किया था. आलम की रिहाई पर भाजपा के विरोध के बारे में पूछे जाने पर अख्तर ने कहा कि वह इस मामले में सार्वजनिक बहस में नहीं पड़ना चाहते. उन्होंने कहा, ‘उनके अपने विचार हैं, लेकिन मैं इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस में नहीं पड़ना चाहता. यह हमारे न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है.’ मुसलिम लीग के अध्यक्ष मर्सरत आलम को साढ़े चार साल की हिरासत के बाद शनिवार को रिहा किया गया था.
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अलगाववादी नेता की रिहाई पर भाजपा की आलोचना को पीडीपी ने नहीं दी तवज्जो
श्रीनगर. अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को रिहा करने के फैसले पर गंठबंधन सरकार में सहयोगी भाजपा की आलोचना को तवज्जो नहीं देते हुए पीडीपी ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए सभी पक्षों को शामिल करना दोनों दलों के न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा है. पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता और […]
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