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1778.23 करोड़ का अनुपूरक बजट विधानसभा से पारित

रांची: चतुर्थ झारखंड विधानसभा के द्वितीय सत्र (बजट) में सोमवार को चालू वित्तीय वर्ष (2014-15) का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. राज्य सरकार द्वारा पेश 1778.23 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट पर प्रकाश राम ने कटौती प्रस्ताव लाया था. कटौती प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी बातें रखी. […]

रांची: चतुर्थ झारखंड विधानसभा के द्वितीय सत्र (बजट) में सोमवार को चालू वित्तीय वर्ष (2014-15) का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया. राज्य सरकार द्वारा पेश 1778.23 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट पर प्रकाश राम ने कटौती प्रस्ताव लाया था. कटौती प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी-अपनी बातें रखी. सत्ता पक्ष के विधायकों ने कटौती प्रस्ताव के विरोध में बोला, जबकि विपक्ष के विधायकों ने लाये गये कटौती प्रस्ताव का समर्थन किया.
प्रकाश राम ने अनुपूरक में तय की गयी राशि के औचित्य पर सवाल उठाया. सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री सरयू राय ने कहा कि इस अनुपूरक से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा. पिछली सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में काफी कम राशि खर्च की. इसके पीछे दो-दो चुनाव का भी होना है. इसका ख्याल राज्य के अधिकारियों को चालू वित्तीय वर्ष का बजट बनाते समय रखना चाहिए था. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. इस बार जो अनुपूरक लाया गया है, उसमें कुछ राशि का खर्च परिवहन के क्षेत्र में होगा. सरकार ने परिवहन के क्षेत्र में कई एमओयू किये हैं. सरकार ने तय किया है कि 2017 तक सभी रेल परियोजनाएं पूरी कर ली जायेंगी. एआइबीपी में केंद्र और राज्य सरकार की शर्तो में कुछ परिवर्तन हुए हैं. इससे राज्य सरकार को ज्यादा राशि खर्च करनी है. अनुपूरक में जो राशि का प्रावधान किया गया है, वह चलती योजनाओं के लिए है. सरकार ने कोई भी नयी योजना इस साल नहीं ली है.
सीएम-प्रदीप में नोक-झोंक : अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास और प्रदीप यादव में हलकी नोकझोंक भी हुई. नोकझोंक तब हुई जब सरयू राय सरकार का पक्ष रख रहे थे. श्री राय कह रहे थे कि विपक्ष को विधायकों के दल बदल को संवैधानिक व्यवस्था के तहत लेना चाहिए.
बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए है अनुपूरक बजट
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन के लिए अनुपूरक बजट लाया गया है. पिछले दो माह में 14 फीसदी राशि खर्च हो गयी है. यही स्थिति शुरू से होती तो, अब तक 85 फीसदी से अधिक राशि खर्च हो जाती. 2014-15 के मूल बजट में त्रुटि थी, इस कारण सरकार को सुधार के उपाय करने पड़ रहे हैं. पूर्व की सरकार ने रेल परियोजना के लिए राशि की व्यवस्था नहीं की थी, इस कारण 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी पड़ी. केदार हाजरा ने कहा कि सरकार सहयोग नहीं करेगी, तो रेलवे प्रोजेक्ट लटक जायेगा. राज सिन्हा ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए अनुपूरक बजट लाया गया है. इस मौके पर लक्ष्मण टुडू, जयप्रकाश वर्मा आदि ने विचार रखे.

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