हैदराबाद. स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति का पता लगाने और परीक्षण के विस्तार के लिए बेंगलुरु स्थित ‘ओंकोस्टेम डायग्नोस्टिक्स’ अपोलो अस्पताल समर्थित बायोटेक उपक्रम ‘सैपिएन बायोसाइंसेज’ के साथ मिल कर काम करेगी. अपोलो अस्पताल के बयान के मुताबिक, ओंकोस्टेम ने कैंसर की आक्रामकता की पहचान बताने वाले ‘प्रोग्नोस्टिक एंड प्रेडिक्टिव’ प्रोटेमिक मार्कर्स का एक विशेष पैनल विकसित किया है और इस तरह से यह प्रारंभिक उपचार के पहले पांच वर्षों में कैंसर की पुनरावृत्ति का अनुमान लगाने में समर्थ होगा. बयान के अनुसार, ‘इन चिह्नकों की फिलहाल स्तन कैंसर के चरण एक, दो या तीन ए के साथ पूर्वप्रभावी ट्यूमर नमूना उपचार के प्रयोग से पुष्टि की जानी है. संबंधित उपचार और उसके निदान के लिए ऐसे एनोटेटेड ट्यूमर नमूनों के इस्तेमाल द्वारा परीक्षण की पुष्टि के लिए ओंकोस्टेम ने सैपिएन के साथ हाथ मिलाया है.’ इसके मुताबिक, ‘एक बार परीक्षण की पुष्टि हो जाने पर ओंकोस्टेम और सैपिएन, अपोलो के सभी उपकेंद्रों में इस परीक्षण का संचालन तथा व्यावसायीकरण करेगा.’
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स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति का लग जायेगा पता!
हैदराबाद. स्तन कैंसर की पुनरावृत्ति का पता लगाने और परीक्षण के विस्तार के लिए बेंगलुरु स्थित ‘ओंकोस्टेम डायग्नोस्टिक्स’ अपोलो अस्पताल समर्थित बायोटेक उपक्रम ‘सैपिएन बायोसाइंसेज’ के साथ मिल कर काम करेगी. अपोलो अस्पताल के बयान के मुताबिक, ओंकोस्टेम ने कैंसर की आक्रामकता की पहचान बताने वाले ‘प्रोग्नोस्टिक एंड प्रेडिक्टिव’ प्रोटेमिक मार्कर्स का एक विशेष पैनल […]
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