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रिम्स में नहीं हो सका समझौता
रांची : रिम्स में हुई मारपीट मामले में बुधवार को दोनों पक्ष के आरोपी विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित हुए. बैठक के दौरान उनमें समझौता नहीं हो सका. रिम्स में हुई मारपीट की घटना के बाद दोनों पक्ष के विद्यार्थियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. रिम्स प्रबंधन और प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को आरोपी […]
रांची : रिम्स में हुई मारपीट मामले में बुधवार को दोनों पक्ष के आरोपी विद्यार्थियों के अभिभावक उपस्थित हुए. बैठक के दौरान उनमें समझौता नहीं हो सका. रिम्स में हुई मारपीट की घटना के बाद दोनों पक्ष के विद्यार्थियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
रिम्स प्रबंधन और प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को आरोपी विद्यार्थियों के अभिभावकों को समझौता करने के लिए बुलाया गया था. रिम्स के ऑडिटोरियम में आरोपी छात्रों के अभिभावक उपस्थित हुए और रिम्स निदेशक डॉ एसके चौधरी, एसडीएम अमित कुमार व मजिस्ट्रेट संजीव लाल के समक्ष उन्होंने अपना पक्ष रखा.
अभिभावकों ने कहा कि रिम्स का माहौल खराब हो गया है. उनके बच्चे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्हें न्यायालय पर भरोसा है. जो फैसला आयेगा, उन्हें वही स्वीकार होगा. इधर, रिम्स प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने समझौता कराने का प्रयास किया, लेकिन मारपीट में घायल होनेवाले छात्रों के अभिभावक इसके लिए तैयार नहीं हुए. प्रशासन ने रिम्स प्रबंधन को शैक्षणिक माहौल तैयार करने को कहा है. रिम्स प्रबंधन ने मीडिया को बैठक में शामिल होने से रोकने का प्रयास किया. उन्हें फोटो खींचने से भी मना किया गया था, लेकिन प्रशासन की पहल पर इसकी अनुमति दी गयी. बैठक में सीनियर चिकित्सकों को बुलाया गया था.
..मेरे बेटे को अपमानित किया : एक अभिभावक ने प्रशासन एवं रिम्स प्रबंधन को बताया कि उसके बेटे को बेरहमी से पीटा गया है. मारपीट से जो तकलीफ हुई वह तो अलग है, लेकिन उसे अपमानित किया गया. 15 मिनट तक जूते से सिर को रगड़ा गया. शरीर से कपड़ा उतार कर पीटा गया. उन्होंने प्रबंधन से सुरक्षा देने की बात कही.
..सर हम किसान हैं, मुश्किल से भेजते हैं पढ़ने : एक अभिभावक ने कहा : सर हम किसान हैं, मुश्किल से बच्चे को पढ़ने के लिए यहां भेजते हैं. हम चाहते हैं कि मेरा बच्च भी डॉक्टर बने एवं हमारा नाम रोशन करे. यहां अक्सर मारपीट की घटना होती. रिम्स प्रबंधन को चाहिए कि विद्यार्थियों को सुरक्षा मुहैया कराये.
रिम्स प्रबंधन की असफलता : अभिभावकों ने कहा कि इतनी बड़ी घटना होती है, तो इसमें प्रबंधन की लापरवाही साफ दिखायी देती है. अगर प्रबंधन स्वच्छ माहौल बनाता, तो ऐसी घटना बार-बार नहीं घटती. सीनियर डॉक्टरों को विद्यार्थी के अभिभावक की भूमिका निभानी चाहिए, लेकिन वे चुप रहते हैं. इससे विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता को बल मिलता है.
विधायक ने कहा : रैगिंग जरूरी : अभिभावक एवं प्रशासन की बैठक में शामिल होने कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम भी पहुंचे थे. पत्रकारों ने जब उनसे रैगिंग के मामले पर पूछा, तो पहले उन्होंने कहा कि रैगिंग जरूरी है. हमारे साथ भी रैगिंग की गयी. शारीरिक रैगिंग नहीं होनी चाहिए. रिम्स उनके विधानसभा क्षेत्र में आता है, इसलिए वह चाहते हैं कि रिम्स की छवि खराब नहीं हो.
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