वह चुनाव नहीं लड़ पाये थे. अगली तिथि पर प्रतिवादियों की ओर से पक्ष रखा जाना है. वर्ष 2009 में हुए विधानसभा चुनाव में कमलेश उरांव गुमला सीट से चुनाव जीते थे और विधायक बने थे. इनके निर्वाचन को बर्नवास हेंब्रम ने चुनौती दी थी. पिछले पांच वर्षो तक इनके मामले में फैसला नहीं आया है. वर्ष 2014 के विस चुनाव में कमलेश उरांव चुनाव भी नहीं लड़े. भाजपा ने गुमला सीट से शिवशंकर उरांव को उम्मीदवार बनाया और वे जीते.
Advertisement
कमलेश को निर्वाचन मामले से राहत नहीं
रांची: पूर्व विधायक कमलेश उरांव के कार्यकाल खत्म होने के बावजूद उनके निर्वाचन मामले से अब तक निजात नहीं मिल पायी है. इनके खिलाफ हाइकोर्ट में अब भी निर्वाचन का मामला चल रहा है. अदालत में इस मामले में फिर तीन मार्च को सुनवाई होनेवाली है. पिछली सुनवाई में कमलेश उरांव की ओर से कहा […]
रांची: पूर्व विधायक कमलेश उरांव के कार्यकाल खत्म होने के बावजूद उनके निर्वाचन मामले से अब तक निजात नहीं मिल पायी है. इनके खिलाफ हाइकोर्ट में अब भी निर्वाचन का मामला चल रहा है. अदालत में इस मामले में फिर तीन मार्च को सुनवाई होनेवाली है.
पिछली सुनवाई में कमलेश उरांव की ओर से कहा गया था कि अब याचिका अप्रासंगिक हो गयी है. कमलेश उरांव के विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है. इसका विरोध याचिकाकर्ता बर्नवास हेंब्रम की ओर से किया गया. कहा गया कि इस मामले में लीगल इश्यू पर फैसला होना है. अभी यह तय नहीं हो पाया है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य लाभ के पद के दायरे में आते हैं या नहीं? इसी को आधार बना कर श्री हेंब्रम के नामांकन को रद्द किया गया था.
याचिका में उठाये गये सवाल
बर्नवास हेंब्रम ने रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 100(1) के तहत कमलेश उरांव के निर्वाचन को चुनौती दी है. साथ ही तत्कालीन जिला निर्वाचन पदाधिकारी, गुमला के उस फैसले पर आपत्ति जतायी है, जिसके तहत श्री हेंब्रम के नामांकन को खारिज कर दिया गया था. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य को लाभ के पद के दायरे में लाते हुए श्री हेंब्रम के नामांकन को रद्द किया था. इस फैसले को भी अदालत में चुनौती दी गयी है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement