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सरकार ने विवि एक्ट को आधार बताते हुए एनसीटीइ को दी सूचना, स्थायी नहीं होंगे बीएड शिक्षक

रांची: रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि, कोल्हान विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे बीएड कोर्स में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक स्थायी नहीं होंगे. राज्य सरकार ने विवि एक्ट को आधार बनाते हुए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ), नयी दिल्ली को इससे अवगत करा दिया है. एनसीटीइ ने नये […]

रांची: रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि, कोल्हान विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे बीएड कोर्स में अनुबंध पर कार्यरत शिक्षक स्थायी नहीं होंगे. राज्य सरकार ने विवि एक्ट को आधार बनाते हुए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीइ), नयी दिल्ली को इससे अवगत करा दिया है.
एनसीटीइ ने नये रेग्युलेशन के आधार पर बीएड कॉलेज में स्थायी शिक्षक के न होने का हवाला देते हुए अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे बीएड कोर्स को सत्र 2015-17 के लिए मान्यता नहीं दी है. इसके बाद ही राज्य सरकार ने एनसीटीइ से कहा है कि प्राइवेट बीएड कॉलेज व अंगीभूत कॉलेज का मामला अलग-अलग है. अंगीभूत कॉलेज में बीएड एक वोकेशनल कोर्स के रूप में चलाया जा रहा है. इस स्थिति में विवि एक्ट के अनुसार जब भी पद स्वीकृत होंगे वह संबंधित कॉलेज के लिए होंगे न कि बीएड कोर्स के लिए. वर्तमान में अंगीभूत कॉलेज में पद स्वीकृति का मामला लंबित है. संबंधित अंगीभूत कॉलेज विवि के अधीन हैं व उन्हें यूजीसी से मान्यता मिली हुई है. साथ ही आय-व्यय के हिसाब-किताब की मॉनिटरिंग विवि स्तर पर की जाती है. जहां तक आधारभूत संरचना की बात है, तो सरकार इन कॉलेजों के प्रस्ताव के आधार पर विकास राशि उपलब्ध करा रही है.
मानव संसाधन विकास विभाग ने इसी आधार पर अंगीभूत कॉलेजों में चल रहे बीएड कोर्स में शिक्षकों को स्थायी करने की अनिवार्यता को समाप्त कर अगले सत्र से पढ़ाई शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह किया है. समझा जाता है कि सरकार के इस आग्रह के आधार पर एनसीटीइ अंगीभूत कॉलेजों में सत्र 2015 से कोर्स आरंभ करने पर लगी रोक हटा सकती है. 20 फरवरी को इसी मुद्दे पर भुवनेश्वर में एनसीटीइ ने कार्यशाला व उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया है. जिसमें इस मुद्दे चर्चा किये जाने की संभावना है. मालूम हो कि सत्र 2015 से बीएड का कोर्स अब दो वर्ष का हो गया है. इसके अनुरूप शिक्षकों की संख्या सात से बढ़ाकर 14 करने की स्वीकृति दी गयी है.
रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विवि, सिदो-कान्हू मुरमू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि, कोल्हान विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेजों में अनुबंध पर कार्यरत हैं बीएड शिक्षक 20 फरवरी को इसी मुद्दे पर भुवनेश्वर में एनसीटीइ ने कार्यशाला व उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया है सत्र 2015 से बीएड का कोर्स अब दो वर्ष का हो गया है. इसके अनुरूप शिक्षकों की संख्या सात से बढ़ाकर 14 करने की स्वीकृति दी गयी है.

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