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सूकरों की संख्या बढ़ी, गाय-बैलों की घटी

रांची: राज्य में सूकरों की संख्या में वृद्धि हुई है. पशुपालन विभाग के ताजा सर्वे (2014 में जारी) के अनुसार पूरे देश में सूकरों की संख्या में वृद्धि के मामले में झारखंड दूसरे स्थान पर है. राज्य में 31.38 फीसदी सूकरों की वृद्धि पिछले पांच साल में हुई है. इससे अधिक वृद्धि त्रिपुरा में हुई […]

रांची: राज्य में सूकरों की संख्या में वृद्धि हुई है. पशुपालन विभाग के ताजा सर्वे (2014 में जारी) के अनुसार पूरे देश में सूकरों की संख्या में वृद्धि के मामले में झारखंड दूसरे स्थान पर है. राज्य में 31.38 फीसदी सूकरों की वृद्धि पिछले पांच साल में हुई है. इससे अधिक वृद्धि त्रिपुरा में हुई है.
राज्य में गायों और बैलों की संख्या में करीब आधी फीसदी की कमी आयी है. वहीं भैंसों की संख्या में पिछले पांच साल में अप्रत्याशित कमी हुई है. 2007 की तुलना में ताजा पशु गणना में 21 फीसदी से अधिक की कमी आयी है, जबकि राज्य में भेड़ की संख्या 20 फीसदी बढ़ी है. बकरियों की संख्या में भी में सांकेतिक कमी आयी है. वहीं पोलट्री की संख्या करीब 21 फीसदी बढ़ गयी है.
दूधारू पशु में तीन फीसदी की कमी
राज्य में 2007 में कुल 87.81 लाख गाय-बैल थे. इसमें 24.66 दुधारू पशु थे. 2012 में शुरू की गयी जनगणना में यह संख्या 87.30 लाख हो गयी है. इसमें दुधारू पशु 21.91 लाख हैं. 2007 में भैसों की संख्या 15.06 लाख थी, इसमें 4.56 लाख दुधारू थे. वहीं अंतिम गणना में यह संख्या 11.86 लाख हो गयी है. दुधारू पशुओं की संख्या 3.41 लाख है.
पशुओं की सर्वाधिक संख्या गुजरात में
देश में सबसे अधिक जानवरों की संख्या में गुजरात में वृद्धि हुई है. उत्तर प्रदेश दूसरे तथा असम तीसरे स्थान पर है. गुजरात में 15.36 फीसदी की वृद्धि कुल जानवरों की संख्या में हुई है. उत्तर प्रदेश में 14.01 तथा असम में जानवरों की संख्या में 10 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई है. झारखंड में मात्र 3.33 फीसदी ही पशु बढ़े हैं.
पशुओं की संख्या
जानवर संख्या
गाय-बैल 18052746
पोलट्री 13559528
भैंस 1699746
भेड़ 8195
बकरा-बकरी 6581449
सूकर 926587
घोड़ा व टट्ट 5706
गदहा 304
कुत्ता 194909
खरगोश 6486
हाथी (पालतू) 03
(आंकड़े वर्ष 2012 के सर्वे के अनुसार)

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