रांची: कोडरमा जिले में विकास योजनाओं में गबन को लेकर दर्ज चार प्राथमिकी पर पुन:अनुसंधान (री-इनवेस्टीगेशन) का आदेश दिया गया है. जिन मामलों में यह आदेश दिया गया है, उनमें डोमचांच थाना में दर्ज कांड संख्या-481/09, 482/09 व 483/09 और कोडरमा थाना में दर्ज कांड संख्या-477/09 शामिल है. चारों प्राथमिकी, भादवि की धारा 420, 467 व 468 के तहत दर्ज करायी गयी थी.
सभी में पूर्व के बीडीओ, कनीय अभियंता और सहायक अभियंता के अभियुक्त बनाया गया था. प्राथमिकी में अभियुक्तों पर सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाया गया था.
मामला मनरेगा में गड़बड़ी से जुड़ा है. मामले की जांच के दौरान चारो मामलों को कोडरमा के तत्कालीन डीएसपी ने फाल्स (गलत) बताया था, लेकिन तत्कालीन एसपी ने अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी में लगाये गये आरोपों को सही पाया और अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया. फिर कुछ दिन बाद डीएसपी की एक रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने चारों मामलों को तथ्य की भूल बताते हुए अदालत में अंतिम रिपोर्ट (फाइनल रिपोर्ट) दाखिल कर दी. डीआइजी ने चारों मामलों में पुन : अनुसंधान का आदेश दिया.