रांची: महालेखाकार कार्यालय ने मनरेगा के मस्टर रोल में बड़ी गड़बड़ियां पकड़ी हैं. दुमका, पाकुड़, पलामू, गुमला व पश्चिमी सिंहभूम में काफी अनियमितताएं पायी गयी हैं. पाकुड़ व दुमका की नमूना जांच में पाया गया कि कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा मस्टर रोल निर्गत हुआ ही नहीं और 9.20 लाख रुपये का अनधिकृत भुगतान भी कर दिया गया. पाकुड़ के मदन मोहनपुर, सीता पहाड़ी, नवादा, कुमारपुर, भवानीपुर, कालीदासपुर, रहसपुर व दुमका जिले के हरिपुर तथा लाखीकुंडी में 250 मस्टर रोल के विरुद्ध 9.20 लाख रुपये का अनधिकृत भुगतान हुआ है.
वहीं दुमका जिले के जामा प्रखंड स्थित थानपुर व सिमरा ग्राम पंचायतों में सात मस्टर रोल द्वारा 31,624 रुपये की मजदूरी का भुगतान किया गया है. इन मामलों में विशिष्ट पहचान संख्या को काट कर व उसके ऊपर लिख कर छेड़छाड़ की गयी है. पश्चिमी सिंहभूम जिले के मेसो में छह मस्टर रोल पर मई 2008 से अगस्त 2009 के बीच 76 हजार रुपये का व्यय हुआ. उनमें विशिष्ट पहचान संख्या अंकित नहीं थे.
गुमला की कसीरा ग्राम पंचायत में 17 मस्टर रोल के विरुद्ध 17 मजदूरों को 65,640 रुपये का भुगतान हुआ है, जिनके नाम मस्टर रोल में हैं ही नहीं. इतना ही नहीं, पश्चिमी सिंहभूम के झींकपानी के टुटुंगुटु गांव, जरमुंडी के थेकचाघोंचा व दुमका के जामा प्रखंड की तीन ग्राम पंचायतों, पलामू के पलामू सदर का चियांकी, रांची का कांके प्रखंड स्थित अरसंडे, मालसिरिंग, बोड़ेया, गागी तथा पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर प्रखंड स्थित दो ग्राम पंचायतों में 85 मस्टर रोल द्वारा 5.35 लाख रुपये का भुगतान किया गया, जिसमें मजदूरों के कार्य की अवधि का विवरण ही नहीं है.
दुमका के जरमुंडी स्थित हथनामा, पुतलीदाबेर व खारविला में मस्टरर पर उल्लेखित मानव दिवस कनीय अभियंता द्वारा मापी पुस्तिकाओं में तय मानव दिवसों से मेल नहीं खाते हैं.