कोर्ट के इस आदेश की भी अनदेखी हो रही है. विधानसभा चुनाव से पहले रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर और तत्कालीन सीइओ ने तालाब की सफाई को लेकर भूमि पूजन भी किया था, लेकिन सफाई का काम शुरू नहीं हुआ. तालाब का पानी कम होते ही अतिक्रमण शुरू हो गया है.
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कोकर डिस्टिलरी तालाब का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर अतिक्रमण जारी, नाली में तब्दील हो गया है तालाब
रांची: कोकर डिस्टिलरी तालाब का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है. तालाब के चारों और अतिक्रमण कर आवास बना लिये गये हैं. तालाब अब एक नाली के रूप में तब्दील हो गया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. शहर के गिरते जल स्तर को देखते […]
रांची: कोकर डिस्टिलरी तालाब का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है. तालाब के चारों और अतिक्रमण कर आवास बना लिये गये हैं. तालाब अब एक नाली के रूप में तब्दील हो गया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. शहर के गिरते जल स्तर को देखते हुए हाइकोर्ट ने पहले ही तालाबों को भरने पर रोक लगा दी थी. कहा था कि जिला प्रशासन सुनिश्चित करे कि तालाबों को नहीं भरा जायेगा.
जन-संपर्क कार्यालय ने किया था आंदोलन
डिस्टलरी तालाब की सफाई और सौंदर्यीकरण को लेकर जन संपर्क कार्यालय की ओर से आंदोलन किया गया था. भाजपा नेता कन्हैया झा के नेतृत्व में धरना दिया गया. कार्यकर्ता राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर भी बैठे थे. एसडीएम अमित कुमार के आश्वासन के बाद आमरण अनशन समाप्त हुआ. इसके बाद तालाब की सफाई को लेकर महज खानापूर्ति की गयी. भाजपा नेता कन्हैया झा ने कहा कि अगर जिला प्रशासन की ओर से अविलंब कार्रवाई नहीं की गयी, तो जोरदार आंदोलन किया जायेगा.
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