रांची: वेजिटेबल को-ऑपरेटिव फेडरेशन (वेजफेड) में सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के नाम पर हुई गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आ गयी है. प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया तत्कालीन सहकारिता सचिव, वेजफेड के एमडी सहित अन्य अधिकारी दोषी पाये गये हैं.
झारखंड के बदले दिल्ली के शीडय़ूल रेट पर इस्टीमेट बनाने, पैसा मिलने से पहले ही खर्च करने, फरजी वाउचरों के सहारे डीसी बिल बना कर एजी को सौंपने के अलावा अन्य प्रकार की गड़बड़ियां पायी गयी हैं. जांच अधिकारी ने वेज फेड में हुई इस गड़बड़ी के लिए उप निदेशक कृषि सह एनवीआइ के नोडल पदाधिकारी, इंजीनियर और पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के संयुक्त सचिव को भी दोषी माना है.